अनूठी पहल: रजत ने नहीं किया पिता के लिए मृत्यु भोज, समाज हित में दान की राशि

सदियों से चले आ रहे आडंबरों पर अंकुश लगाने की पहल। राजस्थान में सालवी समाज की एक अनुकरणीय पहल, पिता की मृत्युभोज नहीं कर उसपर खर्च होने वाले पैसों को लगाया समाज हित में।
रजत ने पिता की मृत्यु भोज न कर भोज पर खर्च होने वाली अनुमानित राशि समाज हित में दिया दान
रजत ने पिता की मृत्यु भोज न कर भोज पर खर्च होने वाली अनुमानित राशि समाज हित में दिया दानफोटो साभार: जितेंद्र पंचोली
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उदयपुर। जिले में मूल गांव कल्याणपुर हाल तितरडी निवासी रजत मनोती ने अपने पिता धुलचंद के देहांत के बाद परंपरानुसार मृत्यभोज का आयोजन नहीं किया। इसके बजाय भोज पर व्यय की जाने वाली राशि, पिता के देहांत के बारहवें दिन अपने ही समाज के विकास हेतु अलग-अलग संगठनों को दान कर दी।

रजत ने द मूकनायक को बताया कि, उसके द्वारा पिता की स्मृति में समाज के संगठनों में सालवी युवा मंच 56 क्षैत्र, सालवी बुनकर वेलफेयर सोसाइटी 56 क्षेत्र, सालवी बुनकर विकास परिषद 56 क्षेत्र, सालवी समाज ट्रस्ट अहमदाबाद आदि चारों संगठनों को 21-21 हजार रुपए देकर कुल 84000 हजार की राशि भेंट की गई।

दरसल, उदयपुर जिले के ऋषभदेव ब्लॉक के कल्याणपुर गांव निवासी हाल मुकाम सूर्य नगर तितरडी उदयपुर निवासी स्व. धुलचंद पिता केवाजी मनोती का बीते 25 दिसंबर को देहांत हो गया। उनका 6 जनवरी को पगड़ी दस्तुर था। स्व.धुलचंद के पुत्र रजत मनोती ने 12वें के दिन समाज में अनुठी पहल करते हुए मृत्युभोज नहीं करके समाज के विकास में सहयोग राशि दी। इस अनूठी पहल से सालवी समाज को नवाचार का संदेश दिया है।

स्थानीय युवा जितेंद्र पंचोली ने द मूकनायक को बताया कि, "इस नवाचार से ऐसे में आगे भी अन्य समाजों को प्रेरणा मिलेगी और इसी तरह और नवाचार जरूर होंगे। समाजजनों का भी मानना है कि रजत ने अपने पिता के देहांत के बाद मृत्युभोज नहीं करके समाज में एक नई परंपरा का आगाज किया है। वाकई में एक अच्छी पहल हैं।"

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