राजस्थानः सैकड़ों पत्रकारों ने सड़क पर उतर क्यों की सुरक्षा कानून की मांग?

पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के सदस्यों ने जयपुर में किया प्रदर्शन
जयपुर. पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए पैदल मार्च करते जर्नलिस्ट।
जयपुर. पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए पैदल मार्च करते जर्नलिस्ट।The Mooknayak
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जयपुर। इंडियन फैडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश भर से आए सैकड़ों पत्रकारों ने राजधानी जयपुर में रैली निकाल कर पत्रकार सुरक्षा कानून लाने की मांग की। आईएफडब्ल्यूजे प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में सैकड़ों पत्रकार पिंक सिटी प्रेस क्लब से हाथों में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग के बैनर पोस्टर और तख्तियां लेकर विधानसभा भवन की ओर निकले। विधानसभा भवन के नजदीक पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर पत्रकारों के पैदल मार्च को रोक दिया। इस पर पत्रकार मुख्य सडक पर ही धरना देकर बैठ गए।

इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में आठ सदस्यों का एक प्रतिनिधी मंडल सरकार को मांग पत्र सौंपने के लिए विधानसभा भवन पहुंचा। जहां पत्रकारों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया देखने को मिला। प्रतिनिधि मण्डल में शामिल सवाईमाधोपुर जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि विधानसभा भवन के बाहर सरकार के प्रतिनिधियों ने आठ सदस्यों के प्रतिनिधि मण्डल की बजााय पांच सदस्य मण्डल को विधानसभा में प्रवेश की अनुमति दी। प्रतिनिधि मण्डल जैसे ही अंदर जाने लगा तो केवल तीन सदस्य प्रतिनिधि मण्डल अंदर जाने देने की बात कहकर रोक दिया गया। पत्रकारों को बार-बार रोकने से नाराज पत्रकार प्रतिनिधी मण्डल ने सरकार से मिलने के लिए मना कर दिया।सवाईमाधोपुर जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि पत्रकारों के साथ सरकार का यह रैवया नाकाबिले बर्दाश्त था।

प्रदेशाध्यक्ष ने राज्य सरकार प्रतिनिधि से बिना मिले वापस लौटने का निर्णय लिया। कुछ देर बाद पत्रकार प्रतिनिधी मण्डल सरकार से वार्ता किए बिना वापस धरना स्थल पर पहुंचा तो प्रदेश भर से आए पत्रकार आक्रोशित हो गए। पत्रकारों के आक्रोश को देखते हुए प्रदेशध्यक्ष उपेन्द्र राठौड़ विधानसभा के नजदीक सैकड़ों पत्रकारों के साथ मुख्य सड़क पर धरना देकर बैठ गए। इस दौरान सरकार की तानाशही, वादाखिलाफी और पत्रकारों के प्रति उदासीन रैवये के खिलाफ नारे लगाए।

जयपुर. धरने पर बैठे पत्रकार।
जयपुर. धरने पर बैठे पत्रकार।The Mooknayak

पुलिस ने मुख्य सडक से उठने के लिए पत्रकारों से समझाइश की, लेनिक पत्रकार सडक पर बैठे रहे। वीआईपी मार्ग जाम होने से पुलिस प्रशासन भी चिंता में नजर आया। इस के बाद सरकार ने मुलाकात के लिए फिर पत्रकारों को बुलावा भेजा, लेकिन पत्रकारों ने जाने से मना कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने समझाइश के लिए पत्रकारों से लम्बी वार्ता की। तब जाकर चार घंटे बाद 10 सदस्य प्रतिनिधि मण्डल से केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुलाकात की। इस दौरान पत्रकारों ने सरकार के उदासीन रैवये को लेकर कड़ा एतराज जताया। बाद में मांग पत्र सौंपा गया।

इस पर मंत्री खाचरियावास ने ज्ञापन लेते हुए कहा कि पत्रकारों की सभी मांगें पूर्णतः वाजिब हैं। पूर्व में भी उन्होंने स्वयं आगे बढकर पत्रकारों की इस मांग का समर्थन किया था और आज भी अपने वादे पर कायम है। उन्होंने पत्रकार प्रतिनिधी मण्डल को आश्वस्त किया कि वह मुख्यमंत्री तक पत्रकारों की मांग पहुंचा कर मांगों को पूरा करने और राजस्थान में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को पुरजोर तरीके रखेंगे।

मंत्री को ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकार प्रतिनिधि मण्डल सचिवालय पहुंचा। आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ तथा मुख्य सचिव उषा शर्मा से मिला। जहां पत्रकारों ने अपनी मांगों की विस्तृत जानकारी देते हुए संगठन की गतिविधियों से भी उन्हें अवगत कराया। पत्रकार प्रतिनिधि मण्डल से मुलाकात के बाद सीएस ने भरोसा दिलाया कि सरकार पत्रकार हितों को लेकर सकारात्मक है। उन्होंने संगठन से कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी और पत्रकार सुरक्षा कानून के विभिन्न राज्यों के मसौदों के अनुरूप ही राजस्थान प्रदेश में भी इसे क्रियान्वित करवाने का आश्वासन दिया।

आईएफडब्ल्यूजे प्रदेश अध्यक्ष से द मूकनायक ने बात की। राठौड़ ने बताया कि पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर हमारा प्रतिनिधी मण्डल विधानसभा भवन पहुंचा था। यहां औपचारिकता पूरी की गई। हमने डेढ़ घंटे तक इंतजार किया। सरकार का रुख पत्रकारों के प्रति सकारात्मक नहीं था।

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