राजस्थानः दूल्हे का 'क्लीन शेव' होना अनिवार्य शर्त, नहीं मानी तो युगल का बहिष्कार!

राजस्थान में कई जातीय समाजों ने बना रखे है ऐसे नियम, शादी के लिए पाग व क्लीन शेव होना जरूरी.
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पाली। भारतीय ग्रामीण समाज में कितनी तरह के ऐसे अजीब ओ गरीब फैसले और फरमान सामने आते हैं, जो आपको हक्का बक्का कर देंगे और जिसके खिलाफ होंगे। उसका जीवन मुश्किल। इसी रिवायत की श्रृंखला में एक नया हैरतंगेज फैसला जुड़ गया है, जहां राजस्थान के पाली में एक नवदंपति को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है।

आप इस नवयुगल के समाज से बहिष्कार का कारण सुनेंगे तो आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन मामला सिर्फ इतना है कि शादी में दूल्हे ने शेव नहीं की थी और सिर पर सफेद साफ बांध लिया था। सुनने में ये किसी ड्रेस कोड के नियम जैसी बात लगेगी, लेकिन पाली जिले के चचोड़ में अमृत सुथार नाम के नौजवान का विवाह अमृता के साथ 22 अप्रैल, 2023 को हुआ और अपने विवाह में अमृत ने दाढ़ी थोड़ी बढ़ा रखी थी। अमृत ने सिर सफेद साफा भी बांध रखा है।

बस न जाने क्यों लेकिन सिर्फ इसी कारण से गांव के वरिष्ठ लोग नाराज हो गए और नामालूम भावनाओं के आहत होने के कारण पंचायत ने अमृत सुथार को समाज से बेदखल कर दिया। अमृत को इसकी जानकारी विवाह के 20 दिन बाद मिली। अमृत को माफी मांगने के लिए दो महीने का समय दिया।

जहां पंचायत के इस फरमान से अमृत के परिवार का सामाजिक बहिष्कार हो गया। वहीं अमृत की नवविवाहित पत्नी अब अपने मायके नहीं जा पा रही है। इसके बाद पीडि़त ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और पीड़ित लड़की ने पुलिस का। अमृता ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है, श्रीविश्वकर्मा वंश सुथार समाज ने 19 जून की रात पंचायत बुलाई और मौखिक रूप से घोषणा की कि इस परिवार का समाज से बहिष्कार किया जाता है।

इसी शिकायत में नवविवाहिता अमृता ने अपनी पीड़ा भी पुलिस के सामने रखी है, पंचायत और समाज ने दूल्हे द्वारा शादी की पोशाक को लेकर मेरा और मेरे परिवार का बहिष्कार कर दिया है। इस फैसले से मेरा परिवार (मायका) मुझे घर में प्रवेश नहीं करने दे रहा है। क्योंकि सुथार समाज ने अपना फैसला उन पर थोप रखा है. मानसिक रूप से प्रताडि़त कर मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है।

कुमावत समाज ने भी लिया था ऐसा ही निर्णय

ऐसा फैसला पाली जिले के कुमावत समाज ने भी लिया था। 19 गांवों के कुमावत समाज ने गत 16 जून को एक बैठक में सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगाई है। इस बैठक में कई और अहम फैसलों के साथ यह भी साफ कहा गया है कि शादी के दौरान दूल्हा क्लीन शेव ही रहेगा।

पाली के मारू कुम्हारों की बगीची में यह बैठक हुई थी। इसमें 19 गांवों से समाज के लोग शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि कुमावत समाज के 19 गांवों में निवास कर रहे समाज बंधु के यहां किसी भी शादी में अब दूल्हा दाढी नहीं रखेगा। बल्कि शादी के दौरान क्लीन शेव ही रहेगा।

क्यों क्लीन शेव रहने की है अनिवार्यता

पाली के कुमावत समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण ने बताया कि सदियों से शादी के दौरान दूल्हे के क्लीन शेव रहने की परंपरा चलती आ रही है, लेकिन आजकल के युवाओं में शादी के दौरान क्लीन शेव न रहकर दाढी रखने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। यह परंपराओं के अनुसार सही नहीं है। उनका कहना है कि विवाह समारोह के दौरान दूल्हे को राजा के रूप में देखकर उसका सम्मान किया जाता है। ऐसे में विवाह की रस्मों के दौरान विभिन्न प्रकार की दाढी रखना उचित नहीं है। बैठक में यह साफ कहा गया कि युवा चाहें तो दाढ़ी रखें, समाज को इसमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन शादी में तो दूल्हे को क्लीन शेव ही रहना होगा।

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