राजस्थान : कांग्रेस विधायक पर बिजली विभाग के अधिकारियों से मारपीट का आरोप, एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज

कांग्रेस विधायक पर बिजली विभाग के अधिकारियों से मारपीट का आरोप / Photo - Google
कांग्रेस विधायक पर बिजली विभाग के अधिकारियों से मारपीट का आरोप / Photo - Google
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राजस्थान। धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड के विद्युत निगम कार्यालय में सहायक अभियंता हर्षदापति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ बेरहमी से मारपीट का मामला सामने आया है। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। मारपीट का आरोप बाड़ी विधायक गीर्राज सिंह मलिंगा और नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 के पार्षद प्रतिनिधि समीर खान पर लगा है।

पीड़ित हर्षदापति ने पुलिस को बताया कि, विधायक के एक साथी ने उनपर देसी कट्टा तान दिया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए कई धाराओं सहित एससी-एसटी एक्ट भी लगाया है। वहीं विधायक ने मारपीट के आरोपों से इनकार किया है।

क्या था पूरा मामला?

पीड़ित के मुताबिक घटना बीते सोमवार की है – वह अपने ऑफिस में स्टाफ के साथ बकाया वसूली को लेकर फाइलें तैयार कर रहे थे। उसी दौरान बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथी ऑफिस में आ घुसे। विधायक मलिंगा ने आते ही उनके सिर पर कुर्सी दे मारी और जातिसूचक गालियां भी दी।

पीड़ित द मूकनायक को बताते हैं कि, विधायक ने महुआ खेड़ा गांव से ट्रांसफार्मर उतारने के मामले को लेकर उनको धमकाया साथ ही लाठी- डंडों से मारपीट भी की। "विधायक के साथ आये एक व्यक्ति ने उनपर देसी कट्टा भी तान दिया था", पीड़ित ने अपने ब्यान में दर्ज करवाई है। उन्होने एफआईआर में ये भी बताया कि, विधायक ने उनके साथी की गर्दन पर पैर भी रखा और जातिसूचक गालियां भी दी। इसमें दोनों पीड़ितों को गंभीर छोटे भी आई हैं, फिलहाल दोनों अधिकारियों का आगरा स्थित अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पहले भी विवादों में रह चुके हैं विधायक

धौलपुर जिले के बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पहले विधायक मलिंगा उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने भरतपुर रेंज के आईजी लक्ष्मण गौड़ पर बजरी माफियाओं से सांठगांठ करने का आरोप लगाया था। हालांकि, इस मामले में विधायक ने मारपीट के किसी आरोप से इंकार किया है। विधायक मलिंगा ने कहा कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। दोनों अफसरों की साथ मारपीट की खबर मिलते ही मैं खुद मौके पर पहुंचा था। जेईएन और एईएएन गंभीर हालात में मिले। विधायक ने डिस्काॅम आफिस में भ्रष्टाचार फैलने का आरोप भी लगाया है।

वहीं प्रदेश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि केस में दोषी पर ऊचित कार्रवाई की जायेगी। आरोपी चाहे किसी भी पद पर हो। फिलहाल, पुलिस ने मामले में विधायक और उनके 6 साथियों के खिलाफ कई धाराओं सहित एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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