नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति (President of India) द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने भारतीय न्यायपालिका (Indian judiciary) में प्रतिभाशाली युवाओं का चयन करने और उनकी प्रतिभा को पोषित करने के साधन के रूप में एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (All India Judicial Service) के निर्माण का सुझाव दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के संविधान दिवस समारोह (Constitution Day celebrations) को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने भारतीय न्यायपालिका में अधिक विविध प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर दिया जो वास्तव में राष्ट्र की अनूठी विविधता को प्रतिबिंबित कर सके। उन्होंने कहा कि इससे न्याय प्रशासन में सुधार होगा और समाज के सभी वर्गों तक इसकी निष्पक्ष डिलीवरी सुनिश्चित होगी।
राष्ट्रपति ने एक ऐसी प्रणाली की स्थापना का प्रस्ताव रखा जो विभिन्न पृष्ठभूमि के न्यायाधीशों को अवसर प्रदान करती है और योग्यता-आधारित, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से उनकी भर्ती सुनिश्चित करती है।
उनके अनुसार, इस प्रणाली में एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा भी शामिल हो सकती है जो प्रतिभाशाली युवाओं का चयन कर सकती है और उनकी प्रतिभा को न्यायपालिका के निचले से उच्च स्तर तक बढ़ावा दे सकती है।
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के निर्माण से पूरे भारत से बेंच पर सेवा करने के इच्छुक लोगों को अवसर मिलेगा, जिससे एक बड़ा प्रतिभा पूल तैयार होगा। यह प्रणाली कम प्रतिनिधित्व वाले सामाजिक समूहों के सदस्यों को भी अवसर प्रदान कर सकती है, जिससे न्याय वितरण प्रणाली मजबूत होगी और इसे अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा।
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