जेलों में अवैध तरीके से बंद लोगों को छोड़ा जाना चाहिए: फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष पर बोले संदीप पाण्डेय

संदीप पाण्डेय ने कहा कि फिलिस्तीन को, जिसके नागरिक वहां पीढ़ियों से रह रहे हैं, को आज तक खुद संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक सदस्य मुल्क का दर्जा नहीं दिया है।
जेलों में अवैध तरीके से बंद लोगों को छोड़ा जाना चाहिए: फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष पर बोले संदीप पाण्डेय
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उत्तर प्रदेश: बीते सोमवार को फिलिस्तीन-इज़राइल के ताजा दौर के युद्ध के एक वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के यूपी राज्य महासचिव, संदीप पाण्डेय ने कहा कि, फिलीस्तीन हर दृष्टि से इज़राइल से कमजोर है लेकिन जिस बहादुरी से उन्होंने पिछले एक वर्ष से इज़राइल का मुकाबला किया है वह वाकई में बधाई के पात्र हैं।

वह बताते हैं कि, इज़राइल ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमास जिसने 2006 में चुनाव जीतने के बाद के बाद गज़ा में सरकार बनाई, जबकि चुनाव तो वह पूरे फिलिस्तीन का जीता था, को इज़राइल व अमरीका आतंकवादी संगठन बताते हैं। इसी तरह हेज़बुल्ला, जो लेबनाॅन में चुनाव लड़ता है, को भी वे आतंकवादी संगठन बताते हैं। ऐसा दुष्प्रचार वे इसलिए करते हैं ताकि अपनी कमज़ोरियों को छुपा सकें।

असल में 1947 में संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रस्ताव दो देश बनाने का था - फिलीस्तीन और इज़राइल। इज़राइल तो तुरंत बन गया जबकि उसके ज्यादातर नागरिक वे यहूदी थे जो दुनिया के दूसरे मुल्कों से आए थे। फिलीस्तीन को, जिसके नागरिक वहां पीढ़ियों से रह रहे हैं, को आज तक खुद संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक सदस्य मुल्क का दर्जा नहीं दिया है।

इज़राइल ने जबरदस्ती जहां पहले से अरब लोग रह रहे थे वहां अपना मुल्क बना लिया एवं लाखों फिलीस्तीनियों को वहां से खदेड़ दिया। महात्मा गांधी ने कहा था कि फिलीस्तीन उसी तरह अरब लोगों का है जिस तरह इंग्लैण्ड अंग्रेज लोगों का और फ्रांस फ्रांसीसियों का। आज भी इजराइल फिलीस्तीनी इलाके की जमीनों को धीरे धीरे हड़पता जा रहा है।

संदीप पाण्डेय ने कहा कि, हम उम्मीद करते हैं कि युद्ध जल्दी ही बंद होगा और वार्ता के जरिए समस्या का हल निकाला जाना चाहिए। फिलीस्तीनियों को यहूदी बंधक छोड़ देने चाहिए। किंतु इजराइल की जेलों में अवैध तरीके से छह हजार फिलीस्तीनी जो बंद हैं उन्हें भी छोड़ा जाना चाहिए।

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