भोपाल। मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के बाद अब पटवारी भर्ती घोटाला सामने आया है। पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी की खबरें मिलने के बाद सरकार ने कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह 2 उप समूह 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए बताया कि एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा। वहीं पटवारी भर्ती में घोटाले की आशंका को लेकर प्रदेश विभिन्न जिलों में छात्रों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस भी इस मामले में सरकार पर हमलावर है। इधर, हाईकोर्ट में उच्चस्तरीय जांच को लेकर याचिकादायर की गई है।
दरअसल, हाल ही में पीईबी द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी किया गया था, लेकिन रिजल्ट आने के बाद कर्मचारी चयन मण्डल टॉप 10 मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है। इतना ही नहीं एक ही सेंटर के 3 छात्र मेरिट में भी आए हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि संयुक्त परीक्षा की इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के आवेदक जहां 140 नंबर नहीं ला पाये, वहीं कथित तौर पर ग्वालियर के एक परीक्षा केंद्र के आवेदकों ने 180 नंबर तक हासिल कर लिए हैं।
पटवारी भर्ती परीक्षा के कई तरह के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया में दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जो आवेदक अंग्रेजी में हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे, उनके 160 से अधिक नंबर आए हैं और यह सभी आवेदक ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने पहुंचे थे। बताया जा रहा है हिंदी हस्ताक्षर करने वाले छात्रों को 25/25 नम्बर आए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पटवारी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है। इस भर्ती में दस हजार अभियर्थियों ने परीक्षा पास की थी। नियुक्ति के लिए जुलाई माह के अंत तक इनके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होने थे, और नियुक्ति दी जानी थी। द मूकनायक से बातचीत करते हुए दतिया के चयनित अभ्यार्थी केपी सिंह ने बताया कि उसका चयन समूह 2 में पटवारी के पद हुआ है परीक्षा में 147 अंक उसने प्राप्त किए थे। जुलाई में ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होकर जॉइनिंग होनी थी। लेकिन इससे पहले भर्ती में घोटाले की खबर मिली और अब सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
चयनित अभ्यार्थी केपी सिंह ने बताया कि वह पिछले आठ सालों से ग्वालियर में रह कर कॉम्पटिशन की तैयारी कर रहे है। एमआईटीएस से ग्रेज्युएशन कर तैयारी में लगे थे। उन्होंने बताया पहले सरकार नौकरियों की भर्तियां निकाल नहीं रही थी। अब जब पटवारी भर्ती में चयन हुआ तो इसकी नियुक्ति पर भी रोक लगा दी गई। केपी ने कहा सालों इंतजार करने के बाद जहाँ थे। वहीं आकर खड़े हो गए है। सरकार की असंवेदनशीलता के कारण हमारा भविष्य अधर में है।
पटवारी भर्ती घोटाला को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि भर्ती के नाम पर ग्वालियर के कॉलेज में परीक्षा पास कराने में करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। जनहित याचिका में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और जांच के नाम पर लंबे समय तक भर्ती न रोकने की मांग की गई है।
कर्मचारी चयन मंडल की पटवारी संयुक्त भर्ती परीक्षा में धांधली का मामला सामने आते ही हजारों छात्र सड़क पर उतर आए है। लगातार परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी से छात्र नाराज हैं। प्रदेश के इंदौर में बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पर हजारों संख्या में पहुँचे छात्रों ने प्रदर्शन किया। वहीं छतरपुर में छात्रों ने सरकार के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जवाब देना होगा कि पटवारी परीक्षा में घोटाला क्यों हुआ। 15 मार्च 2023 से 26 अप्रैल 23 तक चली पटवारी परीक्षा में 12.34 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन किया जिसमें से 9.74 लाख परीक्षा में शामिल हुए। इस परीक्षा में पुरानी भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले के रिकॉर्ड तोड़ दिए। 60 फीसदी से अधिक फर्जी सिलेक्शन किया गया है। कंप्यूटर कम्पनी से मिलीभगत कर सत्ता में बैठे लोगों ने पेपर को आउट करवाया और लाखों रुपए की रिश्वत प्रति विद्यार्थी लेकर परीक्षार्थी को सफल कराने का बड़ा खेल किया और जिस कम्पनी को ऑनलाइन का ठेका दिया गया था, उसे कई राज्यों में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, लेकिन उसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा है।
पटवारी ने सीएम से पूछा कि परीक्षा में घोटाला वही क्यों होता है जो परीक्षा के सेंटर बीजेपी नेताओं के होते हैं। 31 मार्च 2023 की स्थिति में व्यापम के पास 386 करोड़ की फिक्स डिपॉजिट है। 151 करोड़ रुपए बैंकों में बचत खाते और चालू खाते में जमा है और 186 करोड रुपए का उसने ऋण दे रखा है यानी सब मिलाकर 723 करोड़ इसके पास नगद पूंजी है। इसके बाद भी बेरोजगारों से लूट मचा रखी है और बेरोजगारों को लूटकर आरजीपीवी जैसी लाभ की संस्थाओं को 41 करोड़ का दान दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती घोटाला गहराने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जांच के निर्देश दिए है। सीएम ने ट्वीट कर बताया, "कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।" द मूकनायक ने इस पटवारी भर्ती घोटाले के मामले में जानकारी के लिए मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा को फोन किया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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