अब तक की खबरें: यूपी सरकार ने कहा अतीक-अशरफ की हत्या में पुलिस की कोई गलती नहीं

अब तक की खबरें: यूपी सरकार ने कहा अतीक-अशरफ की हत्या में पुलिस की कोई गलती नहीं
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नई दिल्ली। विधि आयोग ने स्कूली पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन अनिवार्य करने की सिफारिश की है। वहीं पूर्व लोक सभा सांसद अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ हत्या मामले में यूपी सरकार ने शीर्ष न्यायालय में हलफनामा पेश कर कहा है कि दोनों भाईयों की हत्या में यूपी पुलिस की कोई गलती नहीं है। पंजाब में किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में मां-बेटे व सहयोगियों को सजा सुनाई गई।

स्कूलों में बच्चों को उम्र के अनुसार सेक्स एजुकेशन देने की सिफारिश, लॉ कमीशन ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट

विधि आयोग ने बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन को अनिवार्य करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में आयोग ने बच्चों को यौन उत्पीड़न और इसके विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने और जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया है। विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अगुवाई में तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए जरूरी है कि उनको चाइल्ड सेक्सुल एब्यूज के बारे में जागरूक किया जाए। आयोग ने यह भी कहा है कि पाठ्यक्रम में बच्चों को उनके द्वारा अनुभव किए जाने वाले विभिन्न शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में जानकारी देने की जरूरत है। आयोग ने कहा है कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे सरकारी योजनाओं का उपयोग देश की किशोर आबादी को चाइल्ड सेक्सुल एब्यूज और इसके विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने में किया जाना चाहिए।

चिकित्सक दंपति पर छेड़छाड़ व दलित उत्पीड़न का आरोप

उत्तर प्रदेश के चंदौसी सीता रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में काम करने वाली दलित महिला ने चिकित्सक दंपति पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। इस सम्बंध में बहजोई थाना इलाके में रहने वाली एक महिला चन्दौसी के एक निजी अस्पताल में कार्य करती है। आरोप है कि 15 दिन पहले चिकित्सक ने महिला कर्मचारी से बेड की चादर बदलने के लिए कहा। इसी दौरान चिकित्सक ने छेड़छाड़ की और जातिसूचक शब्दों का उपयोग करते हुए किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद महिलाकर्मी ने अस्पताल आना बंद कर दिया। 24 सितंबर को फिर से महिलाकर्मी को अस्पताल बुला लिया। शाम तक काम करने के बाद चिकित्सक की पत्नी ने भी जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद मामले की तहरीर पुलिस को दी गई। पुलिस ने चिकित्सक डॉ. अरविंद गुप्ता और उनकी पत्नी निशा गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

यूपी सरकार का SC में हलफनामा, अतकी अशरफ की हत्या में पुलिस का कोई दोष नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हलफनामा देकर कहा है कि पूर्व लोकसभा सदस्य अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में पुलिस की कोई गलती नहीं है। 15 अप्रैल को प्रयागराज में मेडिकल परीक्षण के लिए पुलिस कस्टडी में अस्पताल लाए गए अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की पत्रकार बनकर आए बदमाशों ने पुलिस घेरे में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की और से शीर्ष अदालत में याचिकाओं के जवाब में कहा कि 2017 के बाद से गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने समेत विभिन्न पुलिस मुठभेड़ों और अन्य घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में सरकर ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस घटना के बाद यूपी पुलिस व सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में हत्या को लेकर सवाल भी खड़े किए थे।

सरकार की और अदालत में पेश हलफनामे में कहा गया कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या से संबंधित मामले में पुलिस पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और मामला निचली अदालत में लंबित है।

अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को 14 साल कारावास

पंजाब के गनेशपुर में किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी को 14 साल की कैद व एक लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है। अपराध में सहयोग करने पर आरोपी की मां व चार अन्य को पांच-पांच साल कारावास व 20-20 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। मामला 2019 का है।

विशेष लोक अभियोजक श्रीकृष्ण यादव के अनुसार दो जुलाई 2019 को एक जने ने गनेशपुर निवासी आमिर खां पुत्र गरीब खां पर बहन के अपहरण का आरोप लगाया था। इस सम्बंध में संबंधित पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि आरोपी आमिर उसकी बहन को ट्रैक्टर में बैठाकर ले गया था। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी किशोरी को तेलगांना लेकर पहुंचा था। वहां से महाराष्ट्र और हैदराबाद तक ले गया था। पीड़िता के साथ दुष्कर्म भी किया था। जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। शनिवार को दोनों पक्षों को सुना गया। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, विकास गुप्ता ने आरोपी आमिर, मां नसीम बैगम निवासी गनेशपुर, सुभाष उर्फ रियाजउददीन पुत्र जामद अली, निवासी आवागंढ, शेख शहीद पुत्र रफीउददीन निवासी गोकुल नगर उर्फ चमकूगढ़ी देगनूर नांदेड महाराष्ट्र को दोषी माना। विशेष लोक अभियोजक श्रीकृष्ण यादव ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी आमिर को 14 साल की सजा व एक लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके अलावा आरोपी की मां नसीम बैगत, सहयोगी रियाजुददीन, शेख सईद को पांच-पांच साल कारावास व 20-20 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

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