नई दिल्ली। द मूकनायक मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ में पढ़ें आगरा में महिला होटलकर्मी से गैंगरेप, वीडियो हुआ वायरल, पहली पत्नी को तलाक दिए बिना लिव-इन रह रहे जोड़े को पुलिस सुरक्षा देने से हाईकोर्ट का इनकार, दीपावली पर पति ने मांगे शराब के पैसे, मना करने पर पत्नी की हत्या, इसके अलावा ख़बरों और भी बहुत कुछ.
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक महिला होटलकर्मी के साथ चार लोगों ने जबरदस्ती गैंगरेप किया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें पीड़िता रो-रोक कुछ लोगों से खुद को आरोपियों के चुंगल से बचाने की गुहार लगा रही है।
बताया जा रहा है कि महिला होटलकर्मी से गैंगरेप में एक महिला ने भी आरोपियों को सहयोग किया है। पुलिस ने चार पुरुष व एक महिला के खिलाफ सामूहिक बलात्कार सहित मारपीट व अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार 25 वर्षीय युवती ताजगंज थाना इलाके के एक होटल में डेढ़ साल से नौकरी कर रही थी। जहां चार आरोपियों ने उसके साथ जबरदस्ती गैंगरेप किया है। वायरल वीडियो में आरोपी पीड़ित युवती को घसीट कर ले जाते नजर आ रहे हैं। वहीं पीड़ित महिला रो-रोकर किसी से कह रही है कि "मेरी छोटी-छोटी चार बेटियां है। प्लीज मुझे बचा लीजिए। यह लोग मेरा अश्लील वीडियो बनाकर मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं। मेरा कोई नहीं है। आपके सामने मुझे खींच कर लेके गए। मेरा फोन छीन लिया। जबरदस्ती धंदा करवा रहे हैं। मेरा पैसा भी खाया है इन लोगों ने," वायरल वीडियो में सुनाई दे रहे महिला के ये शब्द विचलित करने वाले थे।
एसीपी सदर आगरा अर्चना सिंह के अनुसार यह घटना ताजगंज थाना इलाके के ताजनगरी फेज 2 में एक होटल में घटित हुई है। इस सम्बंध में पीड़िता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर जितेन्द्र राठौर, रवि राठौर, मनीष कुमार और देव किशोर सहित एक महिला को भी गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। मेडिकल परीक्षण करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रह रहे पुरुष को पुलिस सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत याचिकाकर्ता द्विविवाह का अपराधी हो सकता है। लिव-इन में रह रहे जोड़े ने अदालत से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। जस्टिस कुलदीप तिवारी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पिछले साथी से तलाक लिए बैगर लिव-इन में रह रहे याचिककर्ता महिला-पुरुष वासनापूर्ण और व्यभिचारी जीवन जी रहा है, जो आईपीसी की धारा 494, 495 के तहत अपराध हो सकता है। ऐसे में कोर्ट ने सुरक्षा की मांग खारिज कर दी। द्विविवाह आईपीसी की धारा 494 के तहत अपराध है और इसके तहत सात साल की सजा हो सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुरुष और उसकी पत्नी के बीच तलाक का मामला पारिवारिक न्यायालय में लंबित है।
छत्तीसगढ़ के गौरेला के करंगरा गांव में दीवाली के दिन शराब पीकर घर आए पति ने अपनी पत्नी से और शराब पीने के लिए पैसे मांगे। पत्नी ने पैसे देने से मना किया तो गुस्साए पति ने जलाऊ लकड़ी से पीट पीटकर पत्नी की हत्या कर दी। इतना ही नहीं जब नशा कम हुआ तो गलती का अहसास होने पर आरोपी पति ने खुद पर भी धारदार हथियार से हमला कर जान लेने का प्रयास किया। हालाँकि, समय पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को समय पर अस्पताल में भर्ती करवाया जिससे उसकी जान बच गई।
पुलिस के अनुसार आरोपी भूप सिंह बैगा शराब पीकर घर आया था। उसने और शराब पीने के लिए पत्नी सेम बाई से पैसे मांगे थे। पत्नी ने कहा कि दीपावली पर सामान लाने में सारे पैसे खर्च हो गए। अब और पैसे नहीं बचे हैं। इससे नारज पति ने आंगन में पड़ी जलाऊ लकड़ी उठा कर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। इससे पत्नी सेम बाई की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद आरोपी पति का नश कम हुआ तो आरोपी पति भूप सिंह ने धारदार हथियार लेकर खुद पर वार कर जान लेने की कोशिश की। खुद पर हमले के बाद वह पत्नी के शव के पास गिर गया। उधर घर में हंगामा होता देख पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना कर दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पत्नी के शव के पास लहुलुहान हालत में पड़ आरोपी पति को हिरसात में लेकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया। जहाँ उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटना के संबंध में पड़ोसियों से भी पूछताछ की है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के सोशल वर्क विभाग में हुए एक शोध में महिला उत्पीड़न को लेकर चोकाने वाले आंकड़े निकल कर सामने आए हैं। शोध में सामने आया कि ग्रामीण परिवेश में रह रही युवा महिलाओं के साथ घर मे भिन्न प्रकार से उत्पीड़न होता। इस संबंध में विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि यह उत्पीड़न का मुख्य कारण समय से रोजगार न मिलाना और परिवार की आर्थिक स्थिति भी एक बड़ा कारण है। विश्वविद्यालय द्वारा इस पूरे शोध के लिए परिवारों से करीब 200 से अधिक सवाल पूछे थे। जिसमें उनके परिवार की औसत आय, मासिक आय, परिवार के कुल लोगों की संख्या, परिवार का मुख्य व्यवसाय, शैक्षिक स्तर तथा परिवार में रहे लोगों की औसत आयु से जुड़े सवाल पूछे गए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे शोध में सामने आया है कि 72.35 फ़ीसदी लोगों ने माना है कि उनके साथ उत्पीड़न हो रहा है। और इसके पीछे का मुख्य कारण परिवार की मौजूदा स्थित है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर राजकुमार सिंह ने बताया कि इस शोध में जब इन परिवारों के लोगों से पूछा गया कि उनके साथ किस तरह का उत्पीड़न होता है, तो सभी ने निम्न व मध्यम स्तर के उत्पीड़न की बात कही जो आमतौर पर भारतीय घरों में देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि जब इस उत्पीड़न के प्रकार के बारे में ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने कहा कि यह ऐसे उत्पीड़न नहीं है। जिन्हें कानूनी दायरे में परिवार के लोग लाते हो, पर हां यह जरूर है कि इस तरह के उत्पीड़न क्या वह रोज शिकार होते हैं। रिसर्च में 72.35 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनका उत्पीड़न होता है। जिसमें से 38.24 प्रतिशत महिलाओं ने मना किया उत्पीड़न का स्तर निम्न लेवल का है जबकि 34.12% महिलाओं ने माना कि उनके साथ हो रहा उत्पीड़न का स्तर माध्यम है।
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