नई दिल्ली। देश भर से महिला उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार और अंधविश्वास से जुड़ी खबरें सामने आई है। द मूकनायक पर न्यूज ब्रीफ में पढ़ें यूपी में बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा को गायिका से रेप केस में 15 साल कैद की सजा सुनाई गई। वहीं एक अन्य मामले में किशोरी से बलात्कार के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने नाबालिग बेटी को शारीरिक प्रताड़ना दी। इसके अलावा ख़बरों और भी बहुत कुछ.
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में 2014 के लोकसभा चुनावों में कार्यक्रम के बहाने बुलाकर गायिका से गैंगरेप मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बाहुबली एवं पूर्व विधायक विजय मिश्रा को 15 साल कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी विजय मिश्रा ज्ञानपुर से विधायक रह चुके हैं। साथ ही न्यायालय ने एक लाख 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इससे पूर्व कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व विधायक के बेटे और पोते को दोषमुक्त किया था। विजय मिश्रा पर दर्जनों केस दर्ज हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वाराणसी की रहने वाली एक गायिका ने साल 2020 में पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि बाहुबली और ज्ञानपुर के पूर्व विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु मिश्रा, पोते ज्योति उर्फ विकास मिश्रा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यक्रम के बहाने बुलाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उस समय विजय मिश्रा के दबदबे के कारण वह कुछ नहीं कर सकी। जब योगी सरकार ने विजय मिश्रा पर शिकंजा कसना शुरू किया तो वह भी खुल कर सामने आई है।
इस मामले में शुक्रवार को न्यायधीश सुबोध सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए विजय मिश्रा को दोषी करार दिया। जबकि बेटे और पोते को दोषमुक्त कर दिया। पीड़िता की पैरवी कर रहे अधिवक्ता दिनेश चंद्र ने मीडिया को बताया कि एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विजय मिश्रा को दोषी पाया है। इससे पहले प्रशासन ने 3 अक्टूबर को विजय मिश्रा के भतीजे सतीष मिश्रा का प्रयागराज स्थित दो मंजिला भवन कुर्क कर दिया। डीएम गौरांग राठी के आदेश पर गोपीगंज थाने की पुलिस प्रयागराज गई थी। इससे पहले भी विजय मिश्रा की कई संपतियां कुर्क हो चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार शाम कपड़े की एक फैक्टरी में काम करने वाली महिला मजदूर ने उत्पीड़न से परेशान होकर चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। हादसे में महिला मजदूर की मौत हो गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसीपी साहिबाबाद भास्कर वर्मा के अनुसार कंपनी का ठेकेदार महिला मजदूर का उत्पीड़न कर रहा था। इससे आहत युवती ने चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी। सड़क पर युवती के गिरने की आवाज सुनकर सुरक्षा गार्ड और पास की फैक्टरी के लोग उसे बचाने दौड़े, लेकिन इससे पहले ही युवती की मौत हो गई। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में ठेकेदार को को चिह्नित कर हिरासत में ले लिया है। पुलिस के अनुसार परिजनों की रिपोर्ट मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली पुलिस ने अपनी 11 वर्षीय बेटी की पिटाई करने के आरोप में अपने एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की ने बताया कि गुरुवार रात 10:30 बजे एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी, जिसमें एक लड़की के बारे में बताया गया था, जो अपने माता-पिता द्वारा शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हुई थी। सूचना के बाद एक पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। घटनास्थल पर पहुंचने पर, उन्हें पता चला कि दुर्गापुरी एक्सटेंशन की रहने वाली लड़की के शरीर पर कई चोट के निशान थे। डीसीपी ने कहा कि "जीटीबी अस्पताल में लड़की की मेडिकल जांच की गई। इस दौरान उसने अपने पिता सुनील कुमार यादव के बारे में बताया कि उनका दुर्व्यवहार का इतिहास है। यादव दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं'। उन्होंने आगे कहा इसके बाद ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 323, 34 और 75 जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जेजे अधिनियम की धारा 75 एक बच्चे के प्रति क्रूरता के लिए दंड का प्रावधान करती है।"
उत्तर प्रदेश के आनन्द नगर के महराजगंज फरेंदा क्षेत्र के एक गांव की किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश अन्य न्यायालय (पाक्सो एक्ट) विनय कुमार सिंह द्वितीय ने आरोपी मोनू साहनी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जानकारी के अनुसार गांव की महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी 15 साल की नतिनी उसके साथ रहकर उसकी देखभाल करती थी। 20 जुलाई 2020 की शाम चार बजे के करीब आरोपी मोनू साहनी निवासी पीपीगंज क्षेत्र उसकी गैर मौजूदगी में उसकी नतिनी को लेकर भाग गया। उसके साथ दुराचार किया। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
सहायक विशेष लोक अभियोजक पास्को एक्ट विनोद सिंह ने आधा दर्जन गवाह पेश किए। न्यायालय द्वारा गवाही व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई। न्यायालय ने अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। पुलिस के अनुसार अनुसूचित जाति की पीड़िता के मामले में बलात्कार के साथ एससी, एसटी का केस दर्ज हुआ था। मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ अशोक कुमार मिश्र ने की थी।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। बेटे की चाहत में हेवान बने एक व्यक्ति ने 22 महीने की बेटी की बली देदी। तंत्र-मंत्र के चक्कर में 22 महीने की मासूम बच्ची की बलि देने के बाद आरोपी ने शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया। डेढ़ महीने बाद पुलिस ने इस वारदात का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया। बीते 16 सितंबर को गांव के एक घर से अचानक एक बच्ची गायब हो गई। दो दिन बाद 18 सितंबर को उसका शव सड़क के किनारे गन्ने के खेत में पड़ा मिला था। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो बच्ची की बली का मामला सामने आया।
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