भोपाल। मध्य प्रदेश के रतलाम में गणेश चतुर्थी पर चल समारोह के दौरान हुई पथराव और पुलिस लाठीचार्ज की घटना ने जिले में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। इस घटना में एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी राजेश बाथम ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच अपर कलेक्टर आरएस मंडलोई करेंगे और उन्हें एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
बता दें कि, 7 सितंबर को ऊंकाला रोड स्थित गणेश स्थापना समिति के चल समारोह के दौरान मोचीपुरा क्षेत्र में अचानक पथराव शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया, जिसमें कई लोगों को चोटें आईं और होमगार्ड कॉलोनी के निवासी प्रकाश मईड़ा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के बाद से शहर में आक्रोश की लहर दौड़ गई। पुलिस ने घटना के तुरंत बाद पथराव की शिकायत करने वाले फरियादियों के खिलाफ ही बलवा और उपद्रव का मामला दर्ज कर लिया, जबकि असल पथराव करने वालों के खिलाफ कोई गिरफ्तारी नहीं की गई थी।
घटना के बाद से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। सर्व हिंदू समाज के नेतृत्व में 9 सितंबर को कालिका माता मंदिर से जनआक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली में सैकड़ों लोगों मौजूद थे और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ अपना विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर राजेश बाथम को सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
रैली के ठीक एक दिन पहले, गृह विभाग ने रतलाम के तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा का ट्रांसफर कर दिया और उनके स्थान पर नरसिंहपुर के एसपी अमित कुमार को रतलाम का नया एसपी नियुक्त किया गया। इसके बाद, शुक्रवार रात को एसपी अमित कुमार ने स्टेशन रोड थाना प्रभारी दिनेश भोजक को लाइन अटैच कर दिया और उनकी जगह औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा को स्टेशन रोड थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कलेक्टर राजेश बाथम ने पथराव और लाठीचार्ज की इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर आरएस मंडलोई को सौंपी गई है, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी।
जानकारी के मुताबिक जांच में कुछ खास विषयों पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें, 7 सितंबर को गणेश प्रतिमा चल समारोह के दौरान पथराव और 7 एवं 8 सितंबर की रात को मोचीपुरा क्षेत्र में बल प्रयोग किन परिस्थितियों में हुआ और इसके पीछे क्या कारण थे।पथराव और बल प्रयोग की घटना के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं, इस पर विस्तृत जांच की जाएगी। पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई की गई या नहीं, और उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए, इसका विश्लेषण किया जाएगा।
पुलिसकर्मियों द्वारा बल प्रयोग के दौरान की गई लाठीचार्ज और अन्य बर्बरता की जांच की जाएगी, साथ ही जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की पहचान की जाएगी। 9 सितंबर को प्रकाश मईड़ा की मौत के संदिग्ध हालातों की भी जांच की जाएगी। इस बात का पता लगाया जाएगा कि उनकी मृत्यु के लिए कौन जिम्मेदार है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित कुमार ने शुक्रवार की आधी रात स्टेशन रोड थाना प्रभारी दिनेश भोजक को लाइन अटैच कर दिया। उनके स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही, चौकी प्रभारी सूखेड़ा वीडी शर्मा को औद्योगिक क्षेत्र थाना का प्रभारी बनाया गया है और प्रकाश गडरिया को रक्षित केंद्र प्रभारी के रूप में कंट्रोल रूम रतलाम में पदस्थ किया गया है।
इस घटना पर चल समारोह में शामिल लोगों का आरोप है, पुलिस ने पथराव करने वालों की पहचान नहीं की और उनकी गिरफ्तारी में विफल रही। इसके विपरीत, पथराव की शिकायत करने वाले फरियादियों पर ही मामला दर्ज कर लिया गया, जिससे लोगों में आक्रोश और बढ़ गया। पुलिस की इस कार्रवाई पर न केवल राजनीतिक संगठनों ने सवाल उठाए हैं, बल्कि स्थानीय जनता आक्रोशित हो गई।
इस मामले में कलेक्टर राजेश बाथम ने कहा है, की मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पथराव और बल प्रयोग की असली वजह क्या थी और प्रकाश मईड़ा की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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