भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार तेज बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हाल ही में मुरैना जिले के सबलगढ़ में मंगलवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे टोंगा तालाब फूट गया। अबतक इसका पानी 4 गांवों में घुस चुका है। पानी के कारण ग्रामीण अपने घर छोड़कर पलायन करने लगे हैं। तालाब फूटने से आई बाढ़ के कारण यहां के 20 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
सबलगढ़ क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण, कुतघान का पुरा, कोरी का पुरा, पंचमुखी हनुमान मंदिर का इलाका और पासौन गांव में भर गया है। ये पानी बहकर देवपुर गांव में जा रहा है। लगातार बढ़ रहे पानी की वजह से ग्रामीण यहां से निकलने लगे हैं। टोंगा तालाब की भराव क्षमता 1.93 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) है। सोमवार शाम करीब 4 बजे तालाब में मिट्टी बहने से छेद हुआ, जो मंगलवार सुबह 5 बजे तक 15 इंच तक बढ़ गया। तालाब का पानी तेजी से बाहर आ रहा है, जिससे करीब 20 गांवों को खतरा है।
मुरैना से सबलगढ़ जाने वाली मेन रोड पर पानी आने से दोनों तरफ का ट्रैफिक रुक गया है। सबलगढ़ विधायक सरला रावत, कलेक्टर अंकित अस्थाना, एसडीएम वीरेंद्र कटारे, सबलगढ़ थाना प्रभारी सोहनपाल तोमर पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं। कलेक्टर अंकित अस्थाना और जल संसाधन विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों को दौरा कर रहे हैं। इन गांवों से पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है। एसडीआरएफ की टीम को भी सूचना दी गई है। टीम के लोग बचाव राहत कार्य मे जुट गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, क्षमता से अधिक मात्रा में तालाब में पानी आचुका था। जल संसाधन विभाग की टीम ने दो-तीन जगह नालियां बनाकर टोंगा तालाब से पानी निकालने की कोशिश की थी ताकि इसे फूटने से रोका जा सके। बांध करीब 80 प्रतिशत भरा हुआ था। इसके दायरे में आने वाले गांवों में मुनादी से सूचना दी गई है, ताकि लोग जरूरत पड़ते ही सुरक्षित जगहों पर पहुंच जाएं।
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है, तालाब का 25 से 30 फीट चौड़ाई में कटाव बढ़ गया है। जल संसाधन और राजस्व विभाग की टीम दो-तीन जगह नालियां बनाकर पानी निकालने की कोशिश कर रही है। लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है, यदि पानी बढ़ा तो अन्य आसपास के गाँव खाली कराए जाएंगे।
टोंगा तालाब का पानी सबलगढ़ की गॉड कॉलोनी और नारायणपुरा में घुस चुका है। यह दोनों ही कॉलोनियां कस्बे से सटी हुई हैं। पानी अब पंचमुखी 6 पुलिया के नीचे से होता हुआ इटवा और रानीपुर के बीच से निकली नहर में जा रहा है। एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने कहा, "सूचना मिलते ही तालाब की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया था। अभी तक जनहानि की कोई सूचना नहीं है। कुछ ही देर में तालाब का पानी पूरी तरह से नहर की तरफ चला जाएगा।"
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार शाम करीब 4 बजे से तालाब से थोड़ा-थोड़ा पानी निकल रहा था। रात होते-होते छेद बढ़ गया। कलेक्टर साहब रात के 1 बजे आए। ग्रामीणों कहना था, यदि दिन में ही छेद बंद कर दिया जाता तो गांवों में पानी नहीं भरता।
जैसे ही तालाब से पानी रिसना शुरू हुआ ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को सूचना दी थी, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। तालाब के किनारे की 15 फीट की पार (दीवार) टूट चुकी है। ग्रामीणों का कहना है, शुरुआत में सिंचाई विभाग मरम्मत कर देता तो तालाब नहीं फूटता। ग्रामीण प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। प्रशासन ने आसपास के 20 गांवों में बाढ़ का अलर्ट किया है।
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