भोपाल। बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में छिंदवाड़ा जिले के चौरई कस्बे में पत्रकार ललित डेहरिया पर तीन नकाबपोशों द्वारा किए गए जानलेवा हमले ने सभी को चौंका दिया है। हमले के दौरान ललित को सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं हैं। ललित का इलाज छिंदवाड़ा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जहां उनके सिर में आई गंभीर चोट के चलते उनका ऑपरेशन किया गया है।
ललित डेहरिया पर हुए हमले के बाद साथी पत्रकारों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। इस घटना के विरोध में चौरई थाने के बाहर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और ललित डेहरिया को न्याय दिलाया जाए।
प्रेस क्लब छिंदवाड़ा के अध्यक्ष सचिन पांडे और सचिव गिरीश लालवानी के नेतृत्व में पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन पर कार्यप्रणाली में सुधार की मांग की। वहीं, सांसद विवेक बंटी साहू और छिंदवाड़ा प्रेस क्लब के सभी सदस्य ललित डेहरिया का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। इसके बाद छिंदवाड़ा के एडिशनल एसपी और एसपी मनीष खत्री ने घटना की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया।
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने थाना प्रभारी (टीआई) दिलीप पंचेश्वर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया और उनकी जगह देहात टीआई गणपत ऊइके को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया। गणपत ऊइके अब इस मामले की विवेचना करेंगे। पुलिस ने अब तक चार संदिग्धों को राउंडअप किया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
हमलावरों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पांच टीमों वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है, जिसमें साइबर टीम भी शामिल है। पुलिस विभिन्न सुरागों के आधार पर जांच कर रही है, और हमलावरों की तलाश के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
ललित डेहरिया पर हुए हमले से पहले, राजगढ़ जिले के सारंगपुर में 17 सितंबर 2024 को स्थानीय पत्रकार सलमान खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना तब हुई जब सलमान अस्पताल रोड पर अपनी स्कूटी पर बैठे थे। उनके साथ उनका 9 साल का बेटा भी मौजूद था, जो इस भयावह घटना का गवाह बना। इस हत्या के बाद प्रदेशभर के पत्रकारों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
पिछले एक साल में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों से प्रदेश के पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पत्रकार संगठनों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे, ताकि पत्रकार बिना किसी डर के अपना काम कर सकें।
छिंदवाड़ा प्रेस क्लब ने हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वरिष्ठ पत्रकार सुधीर दुबे, राजेश करमेले, शक्ति दुबे और अन्य पत्रकारों ने एसपी मनीष खत्री से मुलाकात की और अपनी चिंताओं को साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर दोषियों को जल्द नहीं पकड़ा गया, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।
प्रेस क्लब के प्रयासों से सांसद विवेक बंटी साहू ने ललित डेहरिया के इलाज का पूरा खर्च उठाने का आश्वासन दिया है। प्रेस क्लब ने इसके लिए सांसद का आभार व्यक्त किया है और इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मध्य प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर लंबे समय से मांग उठती रही है। 7 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक पत्रकार सम्मेलन में पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के मसौदे की घोषणा की थी। इसके लिए वरिष्ठ पत्रकारों की एक समिति का गठन भी किया गया था, लेकिन अब तक इस कानून का ड्राफ्ट अधर में है, जिससे पत्रकारों में निराशा बढ़ती जा रही है। डॉक्टर मोहन सरकार में भी पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर कोई कदम बढ़ता नहीं दिख रहा है।
प्रेस क्लब और पत्रकार संगठनों का मानना है कि पत्रकारों को काम के दौरान उत्पीड़न और हमलों से बचाने के लिए एक सख्त कानून की जरूरत है। राज्य में हो रही घटनाओं ने इस मांग को और मजबूत किया है, और पत्रकारों का कहना है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाओं में और वृद्धि हो सकती है।
छिंदवाड़ा में ललित डेहरिया पर हुआ हमला और इससे पहले राजगढ़ में सलमान खान की हत्या, दोनों घटनाएं राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। पत्रकारों की मांग है कि पुलिस-प्रशासन जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार करे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। इसके साथ ही, पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि राज्य के पत्रकार बिना किसी डर और भय के अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकें।
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