भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले के शाहपुर में रविवार को एक मंदिर की दीवार ढहने के कारण उसकी चपेट में आए 9 बच्चों की जान चली गई। घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के निर्देश पर जिले के कलेक्टर दीपक आर्य और पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी को देर रात हटा दिया गया। उनके स्थान पर संदीप जी आर को कलेक्टर और सहवाल को पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। साथ ही संयुक्त कलेक्टर सागर संदीप सिंह को भी हटा दिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में पदस्थ डाॅक्टर हरिओम बंसल को निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि, रविवार 4 अगस्त को हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा था। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे थे। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ। तेज बारिश से कमजोर हुई दीवार, शिवलिंग बना रहे बच्चों के ऊपर सीधी गिरी, जिससे नौ बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में 08 से 15 साल के बच्चे शामिल हैं। इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसके नीचे और दबे बच्चों को निकाला गया।
नगर परिषद, पुलिस व नगरवासी राहत कार्य में लगे रहे। सूचना मिलने पर रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे। मलवा हटने के बाद एक बाद एक कुल 9 बच्चों के शव को बाहर निकाला गया।
सागर जिले में इस हृदय विदारक घटना पर मृत बच्चों के परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। साथ ही पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक्स पोस्ट में कहा गया कि, "सागर में दीवार गिरने से हुई दुर्घटना दिल दहला देने वाली है। इस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें दुख को सहने की शक्ति दे। मैं सभी घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं।"
घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए मृतक बच्चों के स्वजन को 04-04 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से फोन पर बात कर घटना का ब्यौरा लिया और घायल बच्चों को उचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए। देर शाम मुख्यमंत्री डॉ यादव के निर्देश पर सागर कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, मंदिर परिसर के बगल में पचास साल पुरानी यह दीवार जर्जर हो चुकी थी। लेकिन इस दीवार पर किसी का ध्यान नहीं था। समय पर प्रशासन चेत जाता तो यह घटना नही होती। बता दें सागर में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। 24 घंटे के अंदर ही यहां 104 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। ऐसे में कच्चे व जर्जर मकानों को खतरा बना हुआ है। लोगों का कहना है, दीवार काफी पुरानी थी, जो लाल मिट्टी से बनी थी। लगातार वर्षा के कारण कमजोर होकर गिर गई, जिससे यह हादसा हो गया। और बच्चों की जान चली गई।
हादसे के बाद लोग घायलों को लेकर शाहपुर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं मिला। केवल एक कर्मचारी यहां मौजूद था। इसको लेकर क्षेत्रवालों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। लोगों ने कहा कि यहां जो डॉक्टर हैं, वे कभी-कभार भी आते हैं जो दस्तखत करके चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जब बच्चों को लाया गया तो मरहम-पट्टी करने वाला भी मौजूद नहीं था।
मानसून से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं होने चाहिए। सीएम ने कहा था कि अधिकारी संवेदनशील और सतर्क रहें लेकिन जिस तरह से सागर के शाहपुर में घटना घटी उसे अधिकारियों की लापरवाही माना जा रहा है।
इसके कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों को हटाया गया है। अभिषेक तिवारी अब सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल होंगे। विकास कुमार सहवाल की कार्यभार ग्रहण करने पर रायसेन जिले की पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पास रहेगा। वहीं, सागर कलेक्टर दीपक आर्य को मंत्रालय में उप सचिव पदस्थ किया है।
संदीप जी आर के स्थान पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा पार्थ जैसवाल को छतरपुर का कलेक्टर बनाया गया है। संयुक्त कलेक्टर संदीप सिंह को हटाकर मंत्रालय में अवर सचिव बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
सागर में हुई दर्दनाक घटना में, ध्रुव पिता जगदीश यादव उम्र 12, नितेश पिता कमलेश पटेल, आशुतोष पिता मानसिंह प्रजापति उम्र 15 वर्ष, प्रिंस पिता अशोक साहू 12 वर्ष, पूर्व पिता फूल कुमार विश्वकर्मा 10 वर्ष, दिव्यांश पिता निलेश साहू 10 वर्ष, देवराय पिता गोविंद साहू 8 वर्ष, वंश पिता यशवंत लोधी 10 वर्ष और हेमंत पिता भूरा जोशी 10 साल की मौत हो गई। हादसे में जान गवाने वाले सभी बच्चे नाबालिग हैं।
इस घटना पर मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा, "घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने प्रशासन से प्रतिवेदन मांगा है। इस घटना में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उनके खिलाफ आयोग कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करेगा।"
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