सच का खुलासा किया तो मिली मौत, आरटीआई एक्टिविस्ट को मारा, जलाया और बोरे में फेंक दिया

एक आरटीआई एक्टिविस्ट को मारकर जला दिया गया।
एक आरटीआई एक्टिविस्ट को मारकर जला दिया गया।
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22 साल के अविनाश झा अपने काम की वजह से कई लोगों की आंखों की किरकिरी बने हुए थे।

बिहार में 12 नवम्बर को  22 साल के अविनाश झा का शव मिला। वे पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट थे। उनका शव पूरी तरह से जला हुआ था। बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा एक स्थानीय न्यूज पोर्टल के साथ जुड़कर काम करते थे।

अविनाश ने 'फर्जी' मेडिकल क्लिनिक के बारे में फेसबुक पर पोस्ट लिखे थे। इसी के दो दिन बाद से वो लापता हो गए थे। अविनाश के आरटीआई और सरकार से शिकायत करने की वजह से कुछ क्लिनिक बंद हो गए थे। कई क्लिनिक पर जुर्माने भी लगाए गए थे।

जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के लोक शिकायत निवारण कानून के तहत फर्जी मेडिकल क्लिनिक के बारे में सरकार तक शिकायतें पहुंचाते थे। इस कानून के अनुसार 60 कार्यदिवस के अंदर कार्रवाई करना ज़रूरी होता है। इसी की वजह से अविनाश कई लोगों के आंखों में खटकते रहते थे।  

इसी मामले में एक विडियो भी दिख रहा है जिसमें अविनाश के घर के पास के क्लिनिक के करीब लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज है। इसमें रात करीब 9:58 पर अविनाश किसी से फोन पर बात करते हुए दिखते हैं। इसी फुटेज के बाद वो गायब हो गए थे।

अगली सुबह परिजनों ने उसकी खोजबीन की, तो वो कहीं नहीं मिले। 10 नवंबर को परिजनों ने ही सीसीटीवी कैमरे को खंगाला था। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने उनका मोबाइल ट्रेस किया, तो बेनीपट्टी थाने से पश्चिम करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर उनका फोन 10 तारीख की सुबह 9 बजे के करीब में आखिरी बार ऑन किया गया था। जब पुलिस वहां पहुंची तो उसे कोई जानकारी नहीं मिली।

कैसे मिला शव

बेनीपट्टी थाना में दर्ज एफआईआर में पुलिस जांच कर रही थी लेकिन कोई सुराख नहीं मिल रहा था। यह मामला सुर्खियों में तब आया, जब अविनाश के लापता होने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। 12 नवंबर को अविनाश के चचेरे भाई बीजे विकास के नंबर पर उड़ेन गांव के एक युवक का कॉल आया। फोन पर उसे बताया गया कि गांव के पास हाईवे के निकट एक लाश मिली है। इसके बाद प्रशासन के साथ कुछ परिजन मौके पर पहुंचे, जहां शव की शिनाख्त हुई।

शव को जलाकर सड़क किनारे फेंका गया था. शव की पहचान अविनाश के हाथ की अंगूठी, पैर में मस्से का निशान, गले में चेन से की गई। शव को बरामद करने के साथ ही अविनाश के बड़े भाई के सहमति से शव को तत्काल मधुबनी सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जहां रात में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया। अविनाश का अंतिम संस्कार 13 नवंबर को किया गया।

नोट- ख़बर की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय पत्रकारों से ली गई है।

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