नई दिल्ली। 25 दिसम्बर 1927 ये वो तारीख है जब डॉ. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ने खुले तौर पर मनुस्मृति जलाई थी। बाबा साहेब के इस कदम को ब्राह्मणवाद के विरुद्ध दलितों के संघर्ष के रुप में देखा जाता है। 1927 से लेकर अब तक 25 दिसम्बर को "मनुस्मृति दहन दिवस" के रुप में मनाया जाता है। इस साल भी 25 दिसंबर को मनुस्मृति जलाकर लोगों ने एक रुढिवादी सोच के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। खैर ऐसा करना एक महिला पत्रकार को भारी पड़ गया है। ये महिला पत्रकार कोई और नहीं बल्कि "द मूकनायक" की फाउंडर मीना कोटवाल है। मीना कोटवाल को अब जान से मारने की धमकी मिल रही है।
क्या है पूरा मामला
"मनुस्मृति दहन दिवस" के मौके पर मीना कोटवाल ने अपने सोशल मीडिया पर मनुस्मृति को जलाते हुए एक वीडियो साझा किया। उन्होंने इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा "क्या मेरी तरह आज आपने मनुस्मृति जलाया? इसका मजा ही कुछ और है…ऐसे ही आज इस घटिया किताब को जलाएं और फोटो वीडियो शेयर करें। हम अब ऐसा लगातार करते रहेंगे, सिर्फ जलाएंगे ही नहीं बल्कि इसके विचारों को नेस्तनाबूद कर देंगे। बाबा साहेब ने भी यही किया था। आग ऐसी लगाई मजा आ गया।"
मीना कोटवाल के इस ट्विट के बाद से ही उनको लगातार धमकी भरे फोन आ रहा है। उनका नम्बर कई ग्रुप और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट कर दिया गया है जिसके बाद से लगातार उनको जान से मारने की धमकी मिल रही है। द मूकनायक की फाउंडर ने खुद एक ऑडियो के साथ ट्विट करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्विट कर लिखा, "यह फोन कॉल सुनिए और देखिए कि कितने जातिवादी और पुरुषवादी लोग हैं ये..क्या मनुस्मृति जलाना ब्राह्मणों के खिलाफ है? कह रहा है कि ब्राह्मणों की मूत पीने की औकात नहीं है तेरी दलितों से इतनी नफरत?..हमारी महिलाएं घर में रहती हैं, तुम्हारे जैसी गंवार नहीं हैं. मां की गलियां और धमकी।"
इस तरह मीना कोटवाल को लगातार धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं। मीना कोटवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से रविवार को एक के बाद एक ट्वीट कर उन्हें मिल रही धमकियों की जानकारी साझा की। मीना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए बजरंग दल और इस जैसे तमाम संगठन जिम्मेवार होंगे।"
साथ ही उन्होंने लिखा कि खुद को बजरंग दल का बताने वाला अमन ककोडिया मुझे फोन करके कह रहा है कि मनुस्मृति जलाने वाला वीडियो डिलीट करो नहीं तो अच्छा नहीं होगा। इस ट्वीट में उन्होंने कॉल रिकॉर्डिंग भी साझा की है जिसमें उनकी और बजरंग दल से जुड़े होने वाले का दावा करने वाले शख्स की बातचीत है।
चंद्रशेखर आजाद ने दिया साथ
लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी के बाद से ही मीना कोटवाल और उनके परिवार की सुरक्षा खुद भीम आर्मी ने की है।
जी हां! भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने ट्विट करके मीना कोटवाल के समर्थन में आवाज उठाई और सुरक्षा की बात कही। उन्होंने लिखा,.. "निर्भीक पत्रकारिता की युवा, बहुजन आवाज़ बहन मीना कोटवाल जी को आरएसएस पोषित बजरंग दल के गुंडों द्वारा धमकाने का जो कायरतापूर्वक कृत्य किया जा रहा है वह घोर निंदनीय है। बहन मीना आप इन राष्ट्रविरोधी गुंडों से बिल्कुल विचलित ना हो, पूरी भीम आर्मी-आज़ाद समाज पार्टी आपके साथ खड़ी है।"
मीना कोटवाल ने भी ट्विट करके इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "भीम आर्मी घर पर पहुंची गई है, दिल्ली प्रदेश भीम आर्मी (भारत एकता मिशन) और उनके साथी घर पर हैं, समाज के हर वर्ग से लोग आए हैं, सभी का कहना है कि बाबासाहेब ने जो काम 100 साल पहले किया उसे हम आगे भी करेंगे।"
कांग्रेस के नेता पहुंचे घर
सही गलत की इस लड़ाई में मीना कोटवाल को अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है। आज मंगलवार को कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया जी ने मीना कोटवाल से मुलाकात की।
राजेश लिलोठिया ने ट्विट कर लिखा, "'मनुस्मृति vs भारतीय सविंधान' RSS देश में मनुस्मृति लागू करना चाहती है, वही मनुस्मृति जो महिलाओं और दलितों पर होने वाले अत्याचारों का मुख्य कारण है। बहुजन पत्रकार मीना कोटवाल के साथ आज मैंने मनुस्मृति का दहन किया। भारतीय सविंधान को कमज़ोर नहीं होने देंगे।"
सोशल मीडिया पर उठी आवाज
आपको बता दें कि, सोशल मीडिया पर लगातार मीना कोटवाल के समर्थन में लोग अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ट्विटर पर लोग मीना कोटवाल की सिक्योरिटी की मांग करते हुए उनके समर्य़न में ट्विट कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा जिस दिन से "सत्ता" "सवाल" पूछने की "हिम्मत" आ जाएंगी, उस दिन सही मायने में आप "स्वतंत्र" होंगे, "सरकार" चाहे किसी की भी हो"।
नेशनल दस्तक ने इस मीना कोटवाल के समर्थन में ट्विट करते हुए लिखा, "आये दिन किसी ना किसी बहुजन पत्रकार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धमकियाँ मिल रही हैं। यह बहुत ही गम्भीर बात हैं।#MeenaKotwalNeedsSecurity"
लक्ष्मण यादव ने भी मीना कोटवाल के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "यह बेहद ख़तरनाक है. ऐसे दुस्साहस करने वालों पर तत्काल कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।"
राष्ट्रीय जनता दल ने भी मीना कोटवाल के समर्थन में आवाज उठाई।
आपको बता दें कि, अभी भी मीना कोटवाल को धमकी भरे फोन आना जारी है।
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