मणिपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे कई गंभीर रूप से घायल, छात्रों पर सख्ती का आरोप

मणिपुर में दो मैतेई छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही स्कूल कालेजों के सैकड़ों छात्र और युवा सड़कों पर आ गए। आरोप है कि छात्रों के धरना प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा सख्ती बरती गई जिससे कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोग
प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोग
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इम्फाल। मणिपुर में हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार को जानकारी मिली कि गुरुवार की देर रात तक प्रदर्शनकारियों ने इम्फाल की सड़कों पर बड़ा हंगामा किया। सड़कों के आसपास की चीजों को आग लगा दिया गया। विस्फोट की आवाज भी सुनी गई और आग व धुएं का गुबार उठने का वीडियो भी सामने आया है। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमले का प्रयास किया। इसके अगले दिन शुक्रवार को कई इलाकों में मौन जुलूस निकाला गया और शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। हालांकि, इस प्रदर्शनों में कई छात्रों को गंभीर चोटें भी आईं हैं।

मणिपुर में जुलाई महीने से लापता दो मैतेई छात्रों की हत्या को लेकर शुक्रवार को कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। शुक्रवार को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने मौन धरना दिया। इन छात्रों ने इंटरनेट पर पाबंदी का विरोध किया। गौरतलब है कि महीनों के बाद पिछले हफ्ते मोबाइल इंटरनेट पर से पाबंदी हटी थी। उसके बाद ही दोनों लापता नाबालिग छात्रों के शव की तस्वीरें वायरल हुईं और मंगलवार को कई इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गया।

बुधवार को थोबुल में भाजपा दफ्तर पर हमला हुआ था और इम्फाल में भाजपा की अध्यक्ष शारदा देवी के घर पर भी हमला हुआ था। इसे देखते हुए भाजपा के कार्यालय पर रैपिड एक्शन फोर्स यानी आरएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। गुरुवार को गुस्साई भीड़ इम्फाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी घर पर हमला करने पहुंची। हालांकि, पुलिस ने उनको घर से करीब पांच सौ मीटर पहले ही रोक लिया। आंसू गैस के गोले दाग कर उन्हें भगाया गया। फिलहाल मुख्यमंत्री के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

एक युवक के सर में लगी चोटें
एक युवक के सर में लगी चोटें

सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए अपनाए गए तरीकों से कई युवा छात्र गंभीर रूप से घायल भी हो गए हैं, जो अस्पतालों में भर्ती हैं।

इस बीच शुक्रवार सुबह जरूरी चीजें और दवाएं खरीदने के लिए इम्फाल पूर्व और पश्चिम के जिलों में सुबह पांच बजे से 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, लेकिन भीड़ इकट्‌ठा होने पर रोक थी। गौरतलब है कि सरकार ने राज्य के 19 थाना क्षेत्रों को छोड़ कर समूचे पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून, अफस्पा को छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। हैरानी की बात ये है कि जिन इलाकों में हिंसा भड़की है, उन्हें मणिपुर सरकार ने शांत क्षेत्र घोषित कर रखा है और इन इलाकों से अफस्पा हटा दिया गया है।

प्रदर्शन के दौरान सर में आई चोटें
प्रदर्शन के दौरान सर में आई चोटें

मृतक स्टूडेंट के घर के पास प्रदर्शन

इंफाल वेस्ट जिले में गुरुवार को हजारों लोगों ने मैट्रिक स्टूडेंट के घर के पास प्रदर्शन किया। उनकी यही मांग है कि हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, और उन छात्रों को व परिवार वालों को दे दिए जाएं जिससे कि वह उनका अंतिम संस्कार कर सके। प्रदर्शनकारी किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है और किसी भी मुआवजे को देने पर भी अपनी फैसले से पीछे नहीं हटेंगे।

द मूकनायक ने प्रदर्शन को लेकर एक स्टूडेंट से भी बात की जिन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ जानकारी दी। मणिपुर निवासी छात्रा ने बताया कि "पुलिस ने सीधे पेलेट गन और आंसू गैस मारा है प्रदर्शनकारी छात्रों पर। इस दौरन जब छात्र डर से भागे और आसपास के घरों में घुस रहे थे, तब उन्हें निकालने के लिए पुलिस भी घरों में घुस जा रही थी। पुलिस बंदूक से भी डरा सकती थी पर पुलिस वालों ने ऐसा नहीं किया। एक छात्र के रूप में मुझे लगता है कि पुलिस ने काफी सख्ती दिखाई है, जबकि लोकतांत्रिक देश में तो विरोध करना लोगों का सही होता है।"

द मूकनायक ने मणिपुर के इंफाल के निवासी मानसिंह से भी बात की वह एक होटल के मालिक हैं। वह बताते हैं कि, "जुलाई महीने की बात है। जब एक छात्र और एक छात्रा डेट पर गए थे। वह इंफाल के आउटसाइड पहुंच गए थे। जो पहाड़ी इलाके के अंतर्गत आता है। वहीं से उनका अपहरण कर लिया गया। और बाद में उनकी हत्या हो गई। जब से इंटरनेट खुला है तब से यह खबर भी इंटरनेट पर फोटो के साथ वायरल हो गई है। जिसके कारण सभी स्टूडेंट प्रदर्शन कर रहे हैं। वह लोग यही बोल रहे हैं कि हमें उनके शव को वापस दे दीजिए, और जल्दी से जल्दी उनके हत्यारों को पकड़ा जाए। स्टूडेंट के साथ पुलिस वालों ने मारपीट भी की है। आंसू गैस, रबर बुलेट का प्रयोग किया गया है। उनके प्रदर्शन रोकने के लिए काफी तरह की बल प्रयोग किया गया है। यह बहुत बुरी बात है। जिन लोगों को रोकना चाहिए, आप पुलिस वाले उनको नहीं रोक रहे हैं। और जो हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, और सच्चाई के साथ हैं, आप उन पर जोर आजमा रहे हैं।"

खड़गे बोले खूबसूरत राज्य मणिपुर युद्ध क्षेत्र में बदला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मणिपुर की हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया कि, "147 दिनों से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं। लेकिन पीएम मोदी जी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है। स्पष्ट है कि हिंसा के खिलाफ इस संघर्ष में महिलाएं और बच्चों को हथियार बनाया गया। खूबसूरत राज्य मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदल दिया है। यह सब बीजेपी की वजह से हो रहा है। अब समय आ गया है, कि पीएम मोदी बीजेपी के अयोग्य मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें।"

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