मणिपुर हिंसा ग्राउंड रिपोर्ट: "हम गिड़गिड़ाए, लेकिन भीड़ बोली कपड़े उतारो नहीं तो तुम्हें मार डालेंगे ...!"

मणिपुर में एक ही दिन में तीन महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ, दो की हत्या हुई और दो को नग्न करके परेड कराया गया था। पीड़िताओं ने द मूकनायक से रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती सांझा की।
इम्फाल शहर में काम करने वाली इन महिलाओं की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई
इम्फाल शहर में काम करने वाली इन महिलाओं की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई
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चूराचांदपुर। मणिपुर में 4 मई को 3 महिलाओं के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गई थी। सामूहिक बलात्कार, नग्न परेड, सार्वजनिक रूप से उनके जनांनागों के साथ छेड़छाड़ की गई। स्त्रीतत्व की गरिमा तार-तार हुई। जब पूरी दुनिया ने हफ्तों बाद इस खौफनाक मंजर के वीडियो क्लिप्स देखें तो जैसे मानवता शर्मसार हो गई। द मूकनायक ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इन पीड़िताओं से बात की और उनके दिल से कभी न मिट पाने वाली उस वेदना को बांटने का प्रयास किया। 

महिलाओं के साथ ये बर्बरता एक ही दिन में हुई जिसमें एक घटना कांगपोकपी जिले की है। जबकि दूसरी घटना इम्फाल जिले की है। इसके अतिरिक्त एक अन्य घटना की पुष्टि भी आईटीएलएफ ने की है। कांगपोकपी में हुई घटना में लगभग 21 साल की युवती व लगभग 40 साल और लगभग 50 साल की महिलाओं को निर्वस्त्र होने पर मजबूर किया गया था। जबकि लगभग 21 साल की युवती के साथ गैंगरेप किया गया था। इस घटना के सम्बंध में कांगपोकपी जिले में जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मामला थौबल में संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया गया। जबकि इम्फाल शहर में हुई घटना में युवतियों की उम्र 21 व 24 साल थी। इन दोनों युवतियों की गैंगरेप के बाद हत्या कर उनके शव सड़कों पर फेंक दिए गए थे।

पीड़ितों में से एक की मां ने 5 मई को सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने 16 मई को एफआईआर दर्ज की। हालांकि, इस मामले में सवाल के जवाब में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का कहना है कि राज्य भर में दर्ज 6,000 से अधिक एफआईआर में बलात्कार का सिर्फ एक मामला था।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

मणिपुर में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़की हुई थी। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले के बीफीनोम गांव के पास हमला हुआ था। इस दौरान भीड़ ने तीन कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया। इस दौरान एक युवती के साथ दिनदहाड़े बलात्कार किया गया। घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश का गुस्सा उबाल पर था। 

रिलीफ केम्प में अनिश्चितताओं के बीच गुजरते हैं दिन-रात
रिलीफ केम्प में अनिश्चितताओं के बीच गुजरते हैं दिन-रात सत्यप्रकाश भारती, द मूकनायक

जानिए एफआईआर में वर्णित पूरी घटना 

FIR के मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे करीब 800-1000 लोग कांगपोकपी जिले में स्थित हमारे गांव बी. फीनोम में घुस आए। उनके पास एके-47, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल्स जैसे मॉडर्न हथियार थे। उन्होंने घरों में तोड़फोड़ की, घरों का फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े और नकदी लूटने के बाद घरों में आग लगा दी। संदेह है कि हमलावर मैतेई युवा संगठन, मैतेई लीपुन, कांगलेइपाक कनबा लुप, अरामबाई तेंगगोल, विश्व मैतेई परिषद और अनुसूचित जनजाति मांग समिति से थे। इस घटना में गांव के पांच लोग शामिल हैं जो जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग रहे थे। इसमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं। उनमें से तीन एक ही परिवार के थे।

एक 56 साल का व्यक्ति, उसका 19 साल का बेटा और 21 साल की बेटी। दो अन्य महिलाएं एक 42 साल की और दूसरी 52 साल की भी समूह का हिस्सा थीं। जंगल के रास्ते में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक टीम ने बचाया। नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर टूबू के पास हिंसक भीड़ ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और पुलिस टीम से अपने कब्जे में ले लिया। भीड़ ने तुरंत 56 साल के व्यक्ति की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया। इसके बाद 21 साल की युवती के साथ दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया। जब 21 साल की युवती के छोटे भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी। वहीं दो अन्य महिलाएं इलाके के कुछ परिचित लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं। दोनों महिलाएं फिलहाल राहत शिविरों में हैं। वीडियो में केवल दो महिलाएं दिखाई दे रही हैं, लेकिन 50 साल की एक अन्य महिला भी थी जिसे भीड़ ने अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था।

चूराचांदपुर के बॉयज होस्टल में चल रहे रिलीफ केम्प में एक कमरा जहाँ कई परिवार कपड़ों से पार्टीशन बना कर रहने को विवश हैं
चूराचांदपुर के बॉयज होस्टल में चल रहे रिलीफ केम्प में एक कमरा जहाँ कई परिवार कपड़ों से पार्टीशन बना कर रहने को विवश हैंसत्यप्रकाश भारती, द मूकनायक

' खुद को बचाने के लिए मैंने कपड़े उतार दिए '

मणिपुर रिपोर्ट के दौरान द मूकनायक प्रतिनिधि ने घटना की शिकार हुई महिलाओं से सम्पर्क किया। घटना की शिकार हुई 40 वर्षीय महिला ने बताया, "जब हमने सुना की मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है तो हमारा परिवार और अन्य लोग भाग निकले, लेकिन भीड़ ने खोज लिया। हमारे पड़ोसी और बेटे को थोड़ी दूर ले जाकर मार दिया गया। इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और उन्होंने हमसे कपड़े उतारने के लिए कहा।"

पीड़ित महिला ने बताया, "हमने इसका विरोध किया। हम बिलखे, हम उनसे रहम करने को कहते रहे लेकिन उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर तुम कपड़े नहीं उतारोगी तो हम तुम्हें मार डालेंगे। इसके बाद खुद को बचाने के लिए मैंने कपड़े उतार दिए। इस दौरान वहां मौजूद पुरुषों ने मुझे थप्पड़ और मुक्के मारे। मुझे पता नहीं चला कि मेरी 21 साल की पड़ोसी के साथ क्या हो रहा है, क्योंकि वह कुछ दूरी पर थी।"

महिला ने आरोप लगाते हुए द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "मुझे सड़क के पास एक धान के खेत में खींच लिया गया और पुरुषों ने लेटने के लिए कहा। इसके बाद मैं खेत में लेट गई। तीन लोगों ने मुझे घेर रखा था। उनमें से एक ने दूसरे से कहा- चलो इसका रेप करते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं भाग्यशाली थी कि मेरे साथ रेप नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने मेरे शरीर को छुआ।"

21 साल की पीड़िता ने द मूकनायक को बताया, "मणिपुर पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की। हिंसा के समय वहां पर चार पुलिसकर्मी मौजूद थे। वे एक कार के अंदर बैठे थे और ये सब होता देख रहे थे। उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया।"

महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का वीडियो इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) की तरफ से आने के बाद वायरल हो गया। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने राज्य, केंद्र सरकार, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग से मामले की शिकायत की थी।

हिंसा के बाद जान बचाने के लिए रिलीफ केम्प में रह रहे बेबस शरणार्थी
हिंसा के बाद जान बचाने के लिए रिलीफ केम्प में रह रहे बेबस शरणार्थी सत्यप्रकाश भारती, द मूकनायक

14 लोगों की पहचान, 7 हुए गिरफ्तार

इस घटना के बाद वायरल हुए वीडियो के जरिये कुल 14 लोगों की पहचान कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है।

थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मी हुए निलंबित

चार मई को कांगपोकपी में हुई घटना के मामले में 6 अगस्त को जानकारी देते है पुलिस अधिकारी ने बताया था कि इस मामले में थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस थाने के प्रभारी और चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। 

सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर

मणिपुर में दो महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामले में गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीबीआई ने भी एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने धारा 153ए, 398,427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 आईपीसी और 25 (1-सी) ए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिसमें जांच जारी है।

बेटी के साथ क्या हुआ पता नहीं, लेकिन आस कि वापस आएगी

मणिपुर में दूसरी घटना इंफाल शहर में 4 मई को हुई। इस घटना में एक ही गांव की 21 और 24 साल की दो महिलाएं जो इम्फाल में एक कार धोने का काम करती थी, 4 मई को भीड़ ने उनका कथित तौर पर अपहरण किया, गैंगरेप किया और मर्डर कर लाश सड़क पर फेंक दी। घटना के बाद, पीड़ितों में से एक की मां ने 5 मई को सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने 16 मई को एफआईआर दर्ज की।

घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता की मां ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, 'संघर्ष से पहले उनकी बेटी अपने भाई-बहनों की मदद के लिए कार धोने का काम करती थी। वह उसी गांव की एक अन्य महिला के साथ किराए के मकान में रहती थी। हिंसा शुरू होने के एक दिन बाद पीड़िता की मां अपनी बेटी से संपर्क नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, "जब हिंसा शुरू हुई, तो मैं चिंतित हो गई, इसलिए मैं बार-बार अपनी बेटी को फोन करती रही। हालांकि, उसने फोन नहीं उठाया। बाद में, एक मैतेई महिला ने फोन उठाया और मुझसे पूछा कि अपनी बेटी को जिंदा या मृत में क्या चाहती हो? उसने फिर फोन काट दिया।" उन्होंने कहा, उसके बाद हमें पता चला कि दोनों की हत्या कर दी गई है। जब मुझे मेरी बेटी की मौत की खबर मिली तो मेरे गांव पर हमला किया गया और घरों को जला दिया गया। मेरे परिवार को जंगल में भागना पड़ा और जिसके बाद हम राहत शिविर में आ गए हैं।

इंफाल शहर में इस कार वाश की शॉप पर काम करती थी दोनों महिलाएं
इंफाल शहर में इस कार वाश की शॉप पर काम करती थी दोनों महिलाएं

जब उनसे पूछा गया कि उनकी बेटी की मौत से पहले उनके साथ क्या हुआ था, इसके बारे में उन्हें कैसे पता चला, तो पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें बाद तक इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं थी। घटना के संबंध में मामला दर्ज होने के बाद की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''हमें पुलिस या किसी अन्य अधिकारी से मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।'' वो कहती हैं कि बेटी की लाश अभी तक नहीं मिली है, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि वो वापस जरूर आएगी।

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