भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार शाम को तेज बारिश के बीच महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार के पास एक पुरानी दीवार ढह गई, जिसके मलबे में दबकर दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया गया है। घटना ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शुक्रवार शाम को हुई तेज बारिश के दौरान महाकाल मंदिर के पास महाराजवाड़ा स्कूल की रिटेनिंग वॉल के पीछे स्थित एक 20 साल पुरानी दीवार अचानक गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दीवार के पास पानी का बहाव काफी तेज था और जल निकासी का कोई उचित इंतजाम नहीं था। दीवार के गिरने का कारण पानी के प्रेशर को माना जा रहा है, जिसने दीवार की मजबूती को कम कर दिया।
इस हादसे में प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है। जानकारी के अनुसार, जिस दीवार के गिरने से यह हादसा हुआ, उसके पीछे मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एक नई दीवार का निर्माण किया गया था। दोनों दीवारों के बीच करीब 10 फीट का गैप था, जिसमें बड़ी मात्रा में काली मिट्टी डाली गई थी। तेज बारिश के कारण मिट्टी गीली हो गई और जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण पानी भर गया, जिससे प्रेशर बनने के कारण पुरानी दीवार का ऊपरी हिस्सा ढह गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की भी घोषणा की गई है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मामले की जांच के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "महाराजवाड़ा स्कूल के पास बनी रिटेनिंग वॉल भारी बारिश के कारण ढह गई। हादसे की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
घटना के प्रत्यक्षदर्शी राहुल बामनिया ने स्थानीय समाचार पत्रों को कहा, “अजय योगी और मैं साथ काम करते थे। हमारी दुकानें आमने-सामने थीं। शाम को तेज बारिश के कारण अजय की दुकान के ऊपर से लगातार पानी बह रहा था। अचानक से पाल के ऊपर की दीवार का हिस्सा ढह गया और मलबा अजय पर गिर गया। अजय के दो छोटे बच्चे हैं, एक 5 साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा।"
वहीं, दूसरी प्रत्यक्षदर्शी रवीना राठौर ने बताया, "मेरे परिवार के सभी लोग गेट नंबर-4 के आसपास फूल-प्रसादी, पूजन सामग्री की दुकानें लगाते हैं। दोपहर से ही भारी बारिश के कारण पानी भर रहा था। अचानक दीवार ढह गई और फरीन और उसकी बेटी रूही मलबे में दब गए।"
कांग्रेस ने इस हादसे को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दीवार कैसे गिरी, इसके पीछे की असली वजह क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के मौसम में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह हादसा हुआ है, जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है।
हादसे की जानकारी मिलते ही होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाकी बची क्षतिग्रस्त दीवार को भी गिरा दिया गया, ताकि कोई और हादसा न हो।
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