मध्य प्रदेश: पुलिस हिरासत में पत्रकार की अर्धनग्न फोटो वायरल होने के बाद टीआई और एसआई लाइन हाजिर

पुलिस हिरासत में पत्रकार की अर्धनग्न फोटो वायरल / Photo Source: Twitter
पुलिस हिरासत में पत्रकार की अर्धनग्न फोटो वायरल / Photo Source: Twitter
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मध्य प्रदेश में कवरेज कर रहे पत्रकार को पुलिस ने पकड़ा, उनके कपड़े उतरवाए और फोटो वायरल कर दी। मामले में टीआई और एसआई हुए लाइन हाजिर। पत्रकार ने बीजेपी विधायक से संबंधित खबरें प्रकाशित की थी, पुलिस ने पत्रकार को दी अमानवीय सजा!

मध्य प्रदेश/भोपाल। सत्ता पक्ष के बीजेपी विधायक के खिलाफ लिखना पत्रकारों को भारी पड़ गया। सरकार आमजन के हितों को सुरक्षित करने की बात करती है, लेकिन प्रदेश के सीधी जिले के एक पत्रकार को सरकार और विधायक को आइना दिखाना महंगा पड़ गया। पुलिस ने विधायक के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार को कथित रूप से थाने में बुलाया मारपीट की और कपड़े उतरवाकर तस्वीरें लेकर वायरल कर दी। मामला आग की तरह फैलते ही आईजी ने टीआई सहित थाने के एसआई को लाइन अटैच कर दिया।

पीड़ित पत्रकार द मूकनायक से बातचीत के दौराने बताते हैं कि, पत्नी पूछती है कि न्याय मिलेगा या नही! सीधी के पीड़ित पत्रकार ​​​​कनिष्क तिवारी ने द मूकनायक को बताया कि इस घटना के बाद वह बहुत डरे हुए हैं।

कनिष्क के मुताबिक, पिछले शनिवार शाम को कोतवाली के बाहर रंगकर्मी नीरज कंदेर की रिहाई और सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की खबर कवर करने गए थे। तभी पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ उन्हें भी थाने ले आई। आरोप है कि सामाजिक मुद्दों को लेकर कई बार खबरों के माध्यम से उन्होंने विधायक को घेरा था। वह अपनी खबरों के माध्यम से सरकार व प्रशासन की कमियों और जनता से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से उठाते थे। उन्होंने बताया कि इसलिए पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले गई।

कनिष्क ने कहा, "वहां पुलिसकर्मियों ने मेरे और प्रदर्शन करने वाले आठ लोगों के कपड़े उतरवाकर फोटो खींचे और उन्हें वायरल कर दिया। पीड़ित पत्रकार ने कहा की उनकी पत्नी पूछती है आप तो गरीबों की मदद करते थे, जनता के मुद्दों को उठाते थे, आपको न्याय मिलेगा या नही?" इस घटना के बाद कनिष्क के परिवार में जो डर था उनकी आवाज से महसूस किया जा सकता है।

कनिष्क का आरोप है कि, कोतवाली में थाना प्रभारी मनोज सोनी ने कहा कि "तू और खबर चलाएगा विधायक की, अगर फिर दोबारा तूने ऐसा किया तो तेरे साथ ऐसा ही किया जाएगा।" आरोप है कि अमिलिया के थाना प्रभारी ने अपने मोबाइल से फोटो खींचे थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया है।

दरअसल सीधी विधायक पं. केदारनाथ शुक्ला के विधायक पुत्र गुरुदत्त शरण पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद यह पूरा मामला शुरू हुआ था। गुरुदत्त शरण के खिलाफ अनुराग मिश्रा नाम की आईडी से पोस्ट किया गया था। इस आईडी से करीब एक महीने से पोस्ट और कमेंट किए जा रह थे। थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने शुक्रवार को रंगकर्मी व इंद्रवती नाट्य समिति संचालक नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि नीरज ही अनुराग मिश्रा नाम की आईडी से पोस्ट व कमेंट कर रहा था। यह सभी लोग इसी मामले में नीरज की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। नीरज इस मामले में जेल में है। गुरुवार को भी अनुराग मिश्रा की आईडी से पोस्ट किए गए।

अर्धनग्न फोटो खींचकर वायरल करने का आरोप, देशभर पत्रकारों में दिखा रोष

पुलिस द्वारा वायरल फोटो में रंगकर्मी व इंद्रवती नाट्य समिति का सह संचालक रोशनी प्रसाद मिश्रा भी है। उनका कहना है कि हमारी फोटो सीधी से 45 किलोमीटर दूर अमिलिया के थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार ने खींची थी। इसके बाद उन्होंने फोटो वायरल कर दी। रोशनी ने फोटो को लेकर मानवाधिकार आयोग में आवेदन दिया है। मामले को लेकर कांग्रेस व वरिष्ठ समाजसेवियों ने नाराजगी जताई है। इस मामले में सीधी जिले की उपपुलिस अधीक्षक अंजुलता पटेल, एसपी मुकेश श्रीवास्तव व थाना प्रभारी मनोज सोनी कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। जब द मूकनायक ने एएसपी अंजुला पटेल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन ही नही उठाया। घटना के सामने आने के बाद प्रदेश सहित देश के कई पत्रकार संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है।

वायरल फोटो में कनिष्क तिवारी (न्यूज नेशन, यूट्यूब चैनल एमपी संदेश बघेली), शिवा कुंदेर, रोशनी प्रसाद मिश्रा, रजनीश जायसवाल, सुनील चौधरी, नरेन्द्र सिंह, उज्जवल कुंदेर, बेमिसाल खान, आदित्य भदौरिया शामिल हैं, जिनको पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप है।

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