भोपाल। देश को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 30 हॉटस्पॉट की लिस्ट बनाई है। जिसमें मध्य प्रदेश की खजुराहो पर्यटन नगरी सहित इंदौर शहर को भी सम्मिलित किया गया है। यहाँ भिक्षावृति कर रहे लोगों को चिन्हित कर प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से फरवरी के मध्य तक एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। जिसमें भिक्षा वृत्ति में लिप्त पाए जाने वाले पहचाने गए लोगों के डेटा के वास्तविक समय पर अद्यतनीकरण के लिए सर्वेक्षण और पुनर्वास को लागू करने के लिए योजना लागू की जाएगी।
आने वाले दिनों में खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर व आसपास के क्षेत्र में इस समस्या से आने वाले देसी व विदेशी पर्यटकों को जहां इससे निदान मिलेगा, वहीं इन भिक्षावृत्ति में शामिल व्यक्तियों को शासन की योजना का लाभ भी मिल पाएगा।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए छतरपुर कलेक्टर ने कहा कि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा मिले निर्देशों के बाद तैयारी कर ली गई है। खुजराहो नगर परिषद इसके लिए काम करेगा। खजुराहों के पर्यटन स्थलों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाने वाले पहचाने गए लोगों के डेटा इक्क्ठा किया जाएगा। बच्चों के लिए स्कूलों एडमिशन कराएंगे, अनाथ बुजुर्ग और बच्चों की रहने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को जल्द ही भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए 15 दिनों का विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के पहले चरण में 3500 बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा, जिन्हें स्कूल पहुंचाया जाएगा। जिला प्रशासन, महिला बाल विकास, एनजीओ, सामाजिक न्याय विभाग, और पुलिस सहित सोशल सेक्टर के संगठनों की मदद से इस अभियान की तैयारी की गई है। कार्यकर्ता और अधिकारी भी बच्चों के पालकों से मिलकर उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के प्रयास में जुटे हैं।
इस अभियान के अंतर्गत, पहले ही चरण में 3500 बच्चों का रेस्क्यू किया जा रहा है ताकि उन्हें मुख्य धारा से जोड़कर स्कूल पहुंचाया जा सके। जिला प्रशासन ने इसके लिए सामाजिक संगठनों, पुलिस और सरकारी विभागों की मदद ली है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया है कि कुछ स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है ताकि इनके प्रवेश के साथ अन्य व्यवस्थाएं भी की जा सकें।
यह अभियान इंदौर में 2021 में शुरू हुआ था। लेकिन यह सफल नहीं हुआ था। इस बार, केंद्र सरकार ने देश के 10 शहरों को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए चुना गया है, और इंदौर इसमें शामिल है। जिसके चलते अब प्रशासन और सोशल सेक्टर के संगठनों के साथ मिलकर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के प्रयासों को मजबूती से आगे बढ़ाया जा रहा है।
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