भोपाल। पटवारी भर्ती के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद से ही पूरी भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित की गई समूह 2 और उप समूह 4 की परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने अब नया खुलासा किया है। कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सार्वजनिक करते हुए आरक्षण का गलत लाभ लेने का आरोप भी लगाया गया है। साथ ही मुरैना जिले के एक ही उपनाम के 23 अभ्यर्थियों के नाम मेरिट लिस्ट में होने के कारण भर्ती परीक्षा पर संदेह है। इसके पहले प्रदेश के एक परीक्षा केंद्र से सात टॉपरों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे पटवारी घोटाला बताया था। मामला बढ़ता देख सरकार ने जांच के निर्देश देते हुए परीक्षा में सभी सफल अभ्यर्थियों के नियुक्ति पर रोक लगा दी थी।
पटवारी घोटाले में एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन कुछ प्रवेश पत्र सार्वजनिक किए हैं, उसमें जो अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में शामिल दिख रहा है। तीन महीने बाद वन रक्षक और जेल प्रहरी भर्ती 2023 में परीक्षा में सामान्य यानी फिजिकल फिट श्रेणी में शामिल है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही पूरी परीक्षा प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। बता दें फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान चयनित सूची की नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश पहले ही जारी कर चुके हैं।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए यूनियन के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य सचिन यादव ने बताया कि पटवारी परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली की गई है। उन्होंने कुछ प्रवेश पत्र सामने आए है, जिसमें परीक्षार्थी पटवारी परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में है और वही परीक्षार्थी वन रक्षक और जेल प्रहरी की परीक्षा में सामान्य श्रेणी में (फिजिकल फिट) है। सचिन यादव ने बताया इसमें अभ्यार्थी योगेश शर्मा, आकाश शर्मा, मुकेश गुर्जर, अविनाश रावत व अन्य अभ्यार्थी शामिल हैं। ये सभी अभ्यार्थी पटवारी और ग्रुप-चार के पदों की परीक्षा में फिजिकल हेंडीकैप्ड यानी दिव्यांग श्रेणी में शामिल हुए हैं। खास बात है कि इस समूह के परिणामों में पटवारी और समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के लिए इनमें से कुछ के नाम मेरिट सूची में भी शामिल हुए हैं। इस मामले में हमने शासन का पक्ष जानने के लिए कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा को फोन किया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
जेल प्रहरी और वन रक्षक के लिए हुई परीक्षा में इन सभी के प्रवेश पत्रों पर सामान्य श्रेणी नजर आ रही है। यानी किसी तरह की दिव्यांगता या निरूशक्तता से ये प्रभावित नहीं है। यूनियन के अनुसार, इन प्रवेश पत्रों और परिणाम से धांधली साफ उजागर हो रही है, क्योंकि वन रक्षक, जेल प्रहरी वर्दी वाले पद हैं। इनमें फिजिकल टेस्ट होता है और दिव्यांगता स्वीकार नहीं है।
पटवारी और दूसरे पदों में इन अभ्यार्थियों ने दिव्यांगता का लाभ लेते हुए फर्जी सर्टिफिकेट लगाए। इसमें से एक अभ्यार्थी योगेश शर्मा तो दिव्यांग के लिए आरक्षित पद समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी की मेरिट सूची में पहले स्थान पर है। ये पोस्ट दिव्यांग के लिए आरक्षित थी। स्पष्ट है कि भर्ती परीक्षाओं में जमकर घोटाले हो रहे हैं। पटवारी परीक्षा सहित जेल प्रहरी, वन रक्षक भर्ती भी संदेह में है।
मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा की मेरिट लिस्ट में दिव्यांग कोटे में एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों का चयन हुआ है। चयनित हुए छात्र दिव्यांग है, और सभी का उपनाम त्यागी है। इन सभी अभ्यर्थियों ने दिव्यांग कोटे से आवेदन किया था। सभी को सुनने में कठनाई आती है। ये सभी मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से आते हैं। मेरिट सूची की जांच करने के बाद पाया कि त्यागी उपनाम वाले 23 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। ये सभी या तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे से या दिव्यांग कोटे से हैं। यह सभी अभ्यार्थी सामान्य कैटेगरी से आते हैं। इस तरह के खुलासे होने के बाद पटवारी भर्ती परीक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रामअवतार त्यागी, अरविन्द कुमार त्यागी, आकाश त्यागी, रेनू त्यागी, प्रवीण त्यागी, मनोज त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, शकुंतला त्यागी, चंद्रकांत त्यागी, रमाकांत त्यागी, रश्मि त्यागी, आशीष त्यागी, राहुल त्यागी, अमित त्यागी, अभिषेक त्यागी, रोहित त्यागी, जयन्त त्यागी, धीरेन्द्र त्यागी, कीर्तिनंदन त्यागी, विजय त्यागी, योगेश त्यागी, शीलेष त्यागी और बैजनाथ त्यागी नाम के अभ्यार्थी पटवारी मेरिट सूची में शामिल हैं।
पटवारी परीक्षा में थर्ड टॉपर रहीं ग्वालियर की पूनम रजावत एक न्यूज चैनल के वीडियो इंटरव्यू में मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान से जुड़े आसान से सवालों के जवाब नहीं दे पाईं। इंटरव्यू की शुरुआत में पूनम कहती हैं कि जो लोग धांधली के आरोप लगा रहे हैं, उनसे मेरा कहना है कि पहले जांच कराइए, उसके बाद किसी पर उंगली उठाइए। पूनम ने बताया कि इतने सबके बाद घर में टेंशन वाला माहौल है। मैंने इतनी मेहनत से तैयारी की। घर में हम तीन भाई बहन हैं, मैं ही मां को लेकर जाती रही इलाज कराने। तीन साल में इतनी मेहनत से तैयारी की, फिर भी इस तरह का इल्जाम लग रहा है। रिपोर्टर ने जब उनसे पूछा कि पटवारी एग्जाम में कितने सब्जेक्ट होते हैं? इस सवाल के जवाब कॉन्फीडेंस से नहीं बता पाईं। रिपोर्टर ने जब उनसे आसान से जीएस के सवाल पूछने का अनुरोध किया तो पूनम ने साफ मना कर दिया. उनसे पूछा गया कि कौन सा नर्मदापुरम संभाग में है, ऑप्शन में कटनी, सिहौर, हरदा, रायसेन का नाम दिया गया। लेकिन इसका जवाब उन्हें पता ही नहीं था। मध्य प्रदेश में कितने संभाग हैं, कितने जिले हैं जैसे सवालों पर पूनम ने कहा कि अभी वो इस स्थित में नहीं हैं। क्या ये सवाल वो बाद में कर सकते हैं। साथ ही कहा कि प्लीज ऐसे सवाल मत कीजिए।
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाते हुए बड़ा प्रदर्शन किया था। इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था। युवाओं के हल्ला बोल के बाद ही भर्तियों पर भोपाल में रोक लगा दी गई थी।
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