संवाददाता- अंकित पचौरी, भोपाल
भोपाल। भले ही कानून और संविधान में समाज के पिछड़े और वंचित लोगों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है, मगर उच्च पदों पर बैठे सवर्ण जातियों के अफसरों द्वारा नियमों को दरकिनार कर आरक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश में सामने आया, जहाँ कॉन्ट्रैक्ट नौकरियों में आरक्षण रोस्टर का पालन न करने का आरोप लगाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल मध्यप्रदेश उद्यमिता विकास केंद्र (CEDMAP) द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत 1141 विभिन्न पदों पर एमपी ऑनलाइन द्वारा आवेदन मंगाए गए थे। जिसमें मेरिट और साक्षात्कार के आधार पर उक्त पदों पर भर्तियां की जानी थीं। लेकिन, उद्यमिता विकास केंद्र और एमपी ऑनलाइन की सांठगांठ के चलते आरक्षण रोस्टर को घोषित करने के बाद भी उसमें बडे स्तर पर गड़बड़ी का आरोप है।
इस मामले में भीम आर्मी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने के लिए मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग को पत्र भी लिखा है। भीम आर्मी के सुनील अस्तेय ने बताया कि आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी के कारण उक्त पदों पर अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदक साक्षात्कार की सूची से बाहर हो गए हैं, जिसकी जिम्मेदार सरकार है।
भीम आर्मी ने आयोग को की गई शिकायत में बताया कि, "विश्वसनीय सूत्र से ज्ञात हुआ है कि उद्यमिता विकास केंद्र एवं एमपी ऑनलाइन सहित मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की साठगांठ के चलते आरक्षण रोस्टर का पूर्णतः पालन न करते हुए उक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान में साक्षात्कार प्रक्रिया भी जारी है।"
भीम आर्मी ने एससी आयोग से उद्यमिता विकास केंद्र (CEDMAP) द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत 1141 विभिन्न पदों पर भर्ती प्रिक्रिया पर तत्काल रोक लगाने, और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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