मध्य प्रदेश: सीएम के निर्देश के बाद खुले मीट-मछली की दुकानों पर प्रतिबंध, व्यापारियों के सामने रोजगार का संकट

21 साल में भी नहीं बन सका कवर्ड मार्केट, व्यापार के लिए जगह तय करने की मांग.
 खुले मीट-मछली की खुली दुकानें
खुले मीट-मछली की खुली दुकानेंफोटो- द मूकनायक
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यभार संभालने के बाद से ही प्रदेश सरकार एक्शन में है। सीएम के निर्देश के बाद गृह विभाग द्वारा जारी हुए आदेश के बाद तेज आवाज में लाउड स्पीकर और डीजे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही खुले में संचालित हो रहीं मांस की दुकानों पर भी प्रतिबंध लगाया है। प्रशासन की ओर से इस आदेश के पहले दुकानदारों को कोई नोटिस नहीं दिया गया न ही उन्हें कोई अन्य स्थान पर विस्थापित किया गया। कवर्ड मीट मार्केट योजना भी 21 साल से कागजों से धरातल पर नहीं उतर पाई है।

गुरुवार को भोपाल जिला प्रशासन ने धर्मगुरुओं की बैठक बुलाई। कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने धर्मगुरुओं से चर्चा की। कहा कि 7 दिन के भीतर नियमों का पालन कर लें। वरना इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर, खुले में मीट और मछली बेचने पर नगर निगम ने कुल 17 दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए 10 हजार रुपए से अधिक का जुर्माना भी किया। खुले में मीट-मछली बेचने पर भी रोक लगाई गई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पदभार ग्रहण करने के बाद कैबिनेट मीटिंग हुई थी। इसमें किसी भी धार्मिक स्थल या अन्य स्थानों पर तय मापदंड के अनुसार ही लाउड स्पीकर या डीजे का इस्तेमाल किए जाने को लेकर निर्णय लिया गया था। इसके बाद गृह विभाग ने लाउड स्पीकर, डीजे के इस्तेमाल को लेकर एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि तय मानकों से ज्यादा तेज आवाज में लाउड स्पीकर नहीं बजाए जाएंगे।

आदेश उल्लेखित है कि भोपाल में खुले में मीट-मछली नहीं बेच सकेंगे। कलेक्टर ने राज्य सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में मीट और मछली विक्रेताओं की भी बैठक की और उन्हें खुले में मीट-मछली का विक्रय प्रतिबंधित संबंधी जारी निर्देश से अवगत कराया। कलेक्टर ने निगम कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए. को भी इस संबंध में अभियान चलाने को कहा। बैठक में निर्देश के पालन के लिए मीट एवं मछली विक्रेताओं ने एक सप्ताह का समय मांगा। जिस पर सहमति दी गई। कलेक्टर ने कहा एक सप्ताह बाद उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।

सरकार के आदेश में मीट एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच/दरवाजा एवं साफ-सफाई की संपूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित किया गया है।

यहाँ सड़क किनारे में खुले में मीट एवं मछली की दुकान लगाने वालों ने आदेश का विरोध किया है। भोपाल में निगम द्वारा मीट शॉप के लिए जगह चिन्हित नहीं करने से दुकानदारों में आक्रोश है। गुरुवार को मांस विक्रेताओं में नए नियम के अनुसार कार्यवाही भी की गई, जिसके बाद दुकानदारों का कहना है कि पहले नगर निगम पहले हमारे लिए स्थान तय करें, इसके बाद यदि कोई बाहर दुकान लगाए तब कार्रवाई करें।

शहर में दर्जनों छोटे-छोटे मीट मार्केट

राजधानी में विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे दर्जनों मीट और मछली के फुटकर मार्केट हैं। इन मार्केट में 4 से आठ दुकानें तक लगाई जाती है। इन दुकानों के लिए निगम ने किसी तरह की जगह की व्यवस्था नहीं की है। शहर के हर हिस्से में मीट-मछली की दुकानें संचालित हो रही हैं। इसके अलावा भी कई जगह सड़क किनारे मछली की दुकानें संचालित होती है। सड़क पर यह दुकानें इसलिए लग रही हैं क्योंकि इन्हें निगम द्वारा स्थान नहीं मिल पाया है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए अन्नानगर में मीट विक्रेता हाजी असलम ने बताया कि निगम की टीम ने गुरुवार को मार्केट में आकर चालानी कार्रवाई की है। हम सरकार फैसले का स्वागत करते हैं मगर जो लोग बाहर दुकाने लगा रहे हैं उन्हें निगम को स्थान तय कर विस्थापित करना चाहिए।

कागजों तक सिमटी निगम की कवर्ड मार्केट योजना

शहर में कवर्ड मीट मार्केट बनाने की योजना नगर निगम ने करीब 21 साल पहले बनाई थी। लेकिन, अब तक यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। 9 साल पहले मीट मार्केट के लिए शाहजहानी पार्क के पीछे की जमीन चिह्नित की गई थी। यह जमीन मत्स्य विभाग की है जो अब तक नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुई है। हालांकि इन बीतें सालों में हर बार ही नगर निगम इसे अपने बजट में शामिल किया है।

2022 में हुए नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा ने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। योजना के साकार नहीं होने का नतीजा है कि शहर में जगह-जगह खुले में मांस-मछली बिक रहे हैं। मार्च में आए नगर निगम के बजट में एक बार फिर कवर्ड मीट मार्केट निर्माण के बिंदु को शामिल किया गया है। इसके लिए लागत 2 करोड़ रुपए और 2.5 करोड़ रुपए से फिश पार्लर बनाए जाने का उल्लेख था।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल नगर निगम के एपीआरओ संजय शर्मा ने बताया कि सरकार के द्वारा आदेश के पालन में खुले में मीट-मछली की दुकान लगाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। चालानी कार्यवाही के बाद दुकानदारों को नियमों के बारे में बताया जा रहा है। कवर्ड मार्केट के संबंध में जानकारी नहीं है। शाहजहांनी पार्क के पीछे कवर्ड मीट मार्केट अभी नहीं बना है।

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