प्रेस कांफ्रेंस में प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, विरोध जारी रहेगा। हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं, और वरिष्ठों से परामर्श करने के बाद भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश झटका नहीं है, शीर्ष अदालत ने इस मामले में वह किया जो वह कर सकती थी।"
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार रात की घटना पर रेसलरों द्वारा अदालत की निगरानी में जांच की मांग को खारिज किया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि यह मामला इस कोर्ट के विचरण न्यायिक क्षेत्र से बाहर है और रेसलर सक्षम अदालत की शरण ले सकते हैं।
कोई पुलिस कर्मी नशे में नहीं थे, महिला पुलिसकर्मी भी पर्याप्त संख्या में बुधवार रात थी तैनात , दिल्ली पुलिस ने बदलूकी के तमाम आरोप नकारे
दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस रोक रही है किसानों की एंट्री। जंतर मंतर में आंदोलनरत खिलाड़ियों के समर्थन में जुटने का किया था किसान नेताओं ने किया एलान।
इधर, सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की याचिका पर हुई सुनवाई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- शिकायतकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। नाबालिग शिकायतकर्ता के बयान महिला कॉन्स्टेबल की मौजूदगी में 161 सीआरपीसी में दर्ज किए गए। शेष शिकायत कर्ताओं के बयान 3 मई को हो चुके। याचिका का मुख्य ध्येय एफआईआर था जो दर्ज हो चुका है। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने शिकायतकर्ता खिलाड़ियों की सुरक्षा के संबध में भी निर्देश दिए हैं। अतः केस पर सुनवाई समाप्त की जाती है।
"देश के खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बहुत ही शर्मनाक है। ‘बेटी बचाओ' बस ढोंग है! असल में भाजपा भारत की बेटियों पर अत्याचार करने से कभी पीछे नहीं हटी है," — राहुल गांधी
"इस तरह हमारी बेटियों को बेइज्ज़त करना बेहद शर्मनाक है। भारत अपनी बेटियों के साथ खड़ा है और मैं एक मानव होने के नाते निश्चित रूप से हमारे पहलवानों के साथ खड़ी हूं। क़ानून सभी के लिए एक होता है। 'शासक का क़ानून' इस संघर्ष की गरिमा को नहीं समाप्त कर सकता। उनपर हमला करने का दुस्साहस नहीं करें, पूरा देश उनके आंसू देख रहा है," ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भीम आर्मी चीफ एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों से बात करने दोपहर 2:30 बजे पहलवानों के बीच पहुंचेंगे।
"ये जो लड़कियां धरने पर बैठी हैं सड़कों पर वो देश की आन बान शान हैं। मैं दिल्ली महिला आयोग की अध्य्क्ष हूँ एक वैधानिक पोस्ट पर हूँ और मुझे पुलिस स्टेशन में घण्टों बिठाया जाता है। मेरे साथ बदतमीजी और धक्का मुक्की करती है दिल्ली पुलिस और वो जो गुंडा है बृज भूषण शरण, वो एसी कमरे मव आराम से बैठा है- स्वाति मालीवाल, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष...जंतर मंतर से
पहलवानों को समर्थन देने जंतर-मंतर पहुंचे रालोद प्रमुख जयंत चौधरी।
जंतर मंतर पर अधिक लोगों के जुटने की संभावना होने के कारण दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों के DCP को हाई अलर्ट सतर्कता की चेतावनी जारी की।
किसान नेताओं और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुख्य धरना स्थल पर पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल हैं। वे पहलवानों के साथ प्रदर्शन करते हुए "दिल्ली पुलिस शर्म करो" के नारे लगा रहे हैं।
प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने आरोप लगाया है कि कुछ दिल्ली पुलिस कर्मी कल रात नशे में थे और महिला तथा पुरुष पहलवानों के साथ बदसलूकी की। मीडिया के सामने उन्होंने बताया कि उन्हें अब पुलिस के साथ सुरक्षित महसूस नहीं होता।
भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा झंडे से लाठी-गोली पर हमला करना एक बड़ा कायराना और शर्मनाक कदम है, जब देश के कई पदक जीतने वाली बेटियां जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण आंदोलन चला रही हैं।
सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, "मोदी जी, वह विनेश हैं, जिन्हें आपने अपने परिवार की बेटी कहा था, आपकी पुलिस उसे बहन के रूप में अपमानित कर रही है। शर्म आती है मोदी जी?"
इस बीच, कांग्रेस ने ट्वीट किया, "ये हमारे देश की बेटियां हैं, जो हमें कई पदक लाए हैं। आज, गृह मंत्री अमित शाह की पुलिस उनके साथ अनुचित व्यवहार कर रही है। उनका अपराध सिर्फ यह है कि वे शोषण के खिलाफ अपनी आवाज उठा रही हैं। मोदी जी, आप क्यों ऐसा अन्याय कर रहे हैं?"
किसान नेता राकेश टिकैत ने भी ट्वीट किया और लिखा, "पहलवानों के हड़ताल के प्रति दिल्ली पुलिस का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को तुरंत नोटिस लेना चाहिए। यह न्याय के लिए लड़ रहे पहलवानों के साथ पूरा देश खड़ा है।"
जंतर मंतर में बुधवार रात को आंदोलनरत पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प के बाद गुरुवार सुबह से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पहलवानों ने कहा कि बीती रात उनके तकिये बारिश में भीग गए थे और वे प्रदर्शन स्थल में फोल्डिंग बेड ले कर आ रहे थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनके अनुरोध को नकार दिया और फोल्डिंग बेड लाने से रोक दी, जिससे दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।
पहलवानों को झड़प में चोटें आईं। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने महिला खिलाड़ियों साथ मारपीट और छेड़छाड़ की है। पहलवानों ने पुलिस द्वारा उनका उत्पीड़न किया जाने का आरोप लगाया। जंतर मंतर प्रदर्शन स्थल ने झड़प की रात के बाद कई महत्वपूर्ण डेवलपमेंट देखे गए । पुलिस ने धरना स्थल के सभी एंट्री एग्जिट पॉइंट पर बेरिकेड्स लगा कर ना सिर्फ मीडिया बल्कि पहलवानों के समर्थन में आने वाले सभी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी।
कई राजनीतिक दलों के नेता परवेश करने की कोशिश करते रहें। गुरुवार सुबह से ही मौके पर गहमा गहमी बनी हुई है। समाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ की जा रही बद्सलूकी का पुरजोर विरोध किया।
शुरूआत में, पुलिस ने धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए प्रेस को प्रवेश न देने का अनुरोध किया। बाद में, उन्होंने मीडिया को आंशिक तौर पर प्रवेश करने की अनुमति दी। अखड़ा पहलवान राहुल यादव झड़प के बाद लगभग दो घंटे तक अचेत रहे, इसके बाद दिल्ली पुलिस ने एक एम्बुलेंस बुलाई और उसे आरएमएल अस्पताल ले गई। दूसरे घायल विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत फोगाट हैं, जो भी गंभीर चोटें उठाई हैं। प्रदर्शन करते पहलवान पुलिस व्यवहार से डरे हुए हैं।
मध्यरात्रि को खबर आने के बाद, कांग्रेस राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और सौरभ भारद्वाज सहित कुछ राजनीतिक नेता प्रदर्शन स्थल में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे, पर उन्हें तुरंत ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंची। लेकिन, कई कोशिशों के बाद भी वह गिरफ्तार कर ली गई।
देर रात दिल्ली पुलिस से संघर्ष करने वाले पहलवानों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया और उन्होंने पूरे राष्ट्र से जंतर मंतर धरने में शामिल होने की अपील की। पहलवान बजरंग पुनिया ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि "हम सरकार को अपने पदक देने को तैयार हैं। यदि वे नागरिकों के साथ इस तरह से बर्ताव करते रहते हैं तो हमें चाहिए नहीं ये पदक। इस धरने का शुरूआत से ही दिल्ली पुलिस और बृज भूषण पर बार-बार 'जातिवाद' और 'क्षेत्रवाद' के आरोप भी लगाये जाते रहे हैं।
पहलवान व्रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग लेकर लगातार 11दिन से धरना दे रहे हैं। वर्तमान में तनाव एक पुलिस कर्मचारी द्वारा महिला पहलवानों के साथ बदसलूकी और धक्के देने से जुड़ा हुआ है। प्रदर्शन स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
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