कथित गौ रक्षकों के खिलाफ कुमार का विश्वास तब डगमगाया जब हिंसा का शिकार "आर्यन मिश्रा" हुआ!

गाय के नाम पर कई मुस्लिमों की क्रूर हत्याएं की जा चुकी हैं। दलित छात्र द्वारा मटके से पानी पी लेने पर उसकी हत्या की गई, दलित युवक के मूछ रखने पर उसे गोली मार दिया गया। लेकिन कुमार विश्वास ऐसे मामलों में कभी मुखर नहीं हुए। वह मुखर तब हुए जब पहली बार कथित गौ रक्षकों ने एक सवर्ण समाज के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया।
12वीं के छात्र की कथित गौ रक्षकों द्वारा हत्या के बाद कुमार विश्वास के सोशल मीडिया पोस्ट की हो रही आलोचना।
12वीं के छात्र की कथित गौ रक्षकों द्वारा हत्या के बाद कुमार विश्वास के सोशल मीडिया पोस्ट की हो रही आलोचना। फोटो- द मूकनायक
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नई दिल्ली। चर्चित कवि और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास मंगलवार को अपने एक ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बने हुए हैं। 3 सितंबर को एक टीवी चैनल के ऑफिसियल सोशल मीडिया पोस्ट को कोट करते हुए कुमार के ट्वीट ने तेजी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि, बीते कुछ सालों में भारत के कई राज्यों में दलित, आदिवासियों और मुख्य रूप से मुस्लिमों को भीड़ ने अपना निशान बनाया है। दलित-आदिवासियों को उनकी जाति की वजह से टारगेट किया गया। जबकि, मुस्लिमों को उनके धर्म की वजह से लक्ष्य बनाया गया। लेकिन कभी ऐसे मामलों में कवि कुमार विश्वास के कोई बयान नहीं आए।

लेकिन जैसे ही हरियाणा के फरीदाबाद में 12वीं के छात्र की गौ तस्कर समझकर हत्या करने का मामला मुख्य धार की मीडिया में आया, फौरन कवि कुमार विश्वास का बयान आ गया. कुमार ने अपने पोस्ट के आखिरी में यहां तक लिखा कि, "अब तो पानी सर के ऊपर से जा रहा है"

दरअसल, हरियाणा के फरीदाबाद में 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की 23 अगस्त आधी रात को गौ तस्कर समझकर हाईवे पर गोली मारकर हत्याा कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी कथित गौ रक्षक बताए जा रहे हैं. जिन्होंने गौ तस्कर समझकर छात्र की हत्या कर दी.

इस खबर पर कुमार विश्वास के कड़े रुख को देख सोशल मीडिया यूजर्स, पत्रकार और तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कवि कुमार विश्वास की कड़ी आलोचना की है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि, "जाति की बात आते ही सक्रिय हो गए, इससे पहले तो जल्दी बोलते नहीं हैं."

जाहिर है कि गाय के नाम पर कई मुस्लिमों की क्रूर हत्याएं की जा चुकी हैं। दलित छात्र द्वारा मटके से पानी पी लेने पर उसकी हत्या हो जाती है, दलित के मूछ रखने पर उसे गोली मार दिया जाता है। लेकिन कुमार विश्वास ऐसे मामलों में कभी मुखर नहीं हुए। वह मुखर तब हुए जब पहली बार कथित गौ रक्षकों ने एक सवर्ण समाज के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया।

पिछले साल राजस्थान में नासिर और जुनैद की निर्मम हत्या के आरोपी और कथित गौ रक्षक मोनू मानेसर को कौन भूल सकता है। बीते सप्ताह महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में एक बुजुर्ग से मारपीट की घटना सामने आई। साथी पेसेंजर्स ने बुजुर्ग पर बीफ लेकर चलने का आरोप लगाते हुए उन्हें थप्पड़ मारे और गालियां भी दीं। पिछले साल दिल्ली में गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक मंद बुद्धि मुस्लिम लड़के द्वारा पूजा पंडाल से एक केला उठाकर खा लेने के बाद भीड़ ने उसे पीट पीटकर मार (मॉब लिंचिंग) डाला, फिर भी कुमार विश्वास इन मुद्दों पर मुखर नहीं हुए।

'मुखर होने के लिए विक्टिम का नाम आर्यन मिश्रा होने का इंतजार करना पड़ा'

कुमार विश्वास के सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए द लल्लन टॉप चैनल के पूर्व पत्रकार मुबारक ने लिखा कि, "स्वघोषित गौ-रक्षकों के खिलाफ सेलिब्रिटीज़ की वाणी मुखर होने के लिए विक्टिम का नाम 'आर्यन मिश्रा' होने का इंतज़ार करना पड़ा. वरना अबतक तो 'न्यू-नॉर्मल' चल रहा था. क्या सोचा था ये अन-गाइडेड मिसाइल एक ही खेमे पर गिरेगी? नफरती नाबीने सबको ले डूबेंगे. सब कलेक्टिवली चेत जाएं तो बेहतर."

'सहस्त्र म्लेच्छ वधों के उपरांत जब विप्र कुल का रक्त गिरा तो कविश्रेष्ठ की समाधि टूट गई'

कुमार विश्वास के बयान पर पत्रकार अलीशान जाफरी लिखते हैं कि, "सहस्त्र म्लेच्छ वधों के उपरांत, जब विप्र कुल का रक्त जल में गिरा तो यकायक कविश्रेष्ठ की कूप समाधि टूट गई। बाहर आते ही नथुने में भरा रक्त रंजित जल, स्वतः क्रोधित शब्दों की फुंकार के साथ कविवर की पटरी-कट लटों में जा उलझा। फिर कवि ने राष्ट्र को बताया कि अब पानी सर के ऊपर जा रहा है।"

'जब तक संकट मुसलमानों तक सीमित है, तब तक पानी 'लेवल' में समझा जाएगा...!!'

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने कुमार को जवाब देते हुए लिखा कि, "बारी 'मिश्रा' यानी स्वजातीय, स्वधर्मीय की आई तो 'कविराज' ग़मज़दा हो गए; मगर 2014 से मुसलमानों की लिंचिंग हो रही है तो निद्रा में थे! अब कह रहे हैं कि 'पानी सर से ऊपर गया!' यानी कि जब तक संकट मुसलमानों तक सीमित है, तब तक पानी 'लेवल' में समझा जाएगा...!!"

12वीं के छात्र की कथित गौ रक्षकों द्वारा हत्या के बाद कुमार विश्वास के सोशल मीडिया पोस्ट की हो रही आलोचना।
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