भोपाल। राजगढ़ जिले के सारंगपुर में मंगलवार रात एक हृदयविदारक घटना घटी, जब अस्पताल रोड पर बाइक सवार तीन अज्ञात लोगों ने स्थानीय पत्रकार सलमान खान (35) की गोली मारकर हत्या कर दी। यह हमला रात करीब 9 बजे उस वक्त हुआ जब सलमान अस्पताल के पास अपनी स्कूटी पर बैठा हुआ था। उसके साथ उसका 9 साल का बेटा भी मौजूद था, जो इस भयावह घटना का चश्मदीद बना। इस घटना के बाद प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है।
वारदात के समय तीन लोग बाइक पर आए और बिना कोई बातचीत किए, सलमान की कनपटी पर पिस्तौल सटा कर गोली चला दी। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, और तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने सलमान को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने सलमान को देखते ही गोली चलाई और भाग गए। यह हमला बेहद सुनियोजित तरीके से किया गया, क्योंकि सलमान पर इससे पहले भी हमला हो चुका था, जिससे इस मामले में पुरानी रंजिश की आशंका जताई जा रही है।
घटना के दौरान एसडीओपी अरविंद सिंह महज 50 कदम की दूरी पर अपनी गाड़ी से गुजर रहे थे, लेकिन हमलावर इतनी तेजी से फरार हुए कि पुलिस तुरंत कार्रवाई नहीं कर सकी। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं, ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को हिरासत में लिया जाएगा।
थाना प्रभारी आकांक्षा हाड़ा ने बताया कि सलमान एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार और यूट्यूब चैनल से लंबे समय से जुड़ा हुआ था। वह इंदौर से प्रकाशित अखबार के लिए काम करता था और क्षेत्र में उसकी पहचान एक तेजतर्रार पत्रकार के रूप में थी।
यह पहला मौका नहीं है जब सलमान पर हमला हुआ हो। 9 फरवरी 2023 को भी सलमान पर जानलेवा हमला किया गया था। उस समय पांच बदमाशों ने आपसी रंजिश के चलते चाकू और तलवार से सलमान पर हमला किया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हुआ था और उसे इंदौर रेफर किया गया था।
पुलिस जांच में सामने आया था कि सलमान और नगर के एक व्यक्ति शारुख के बीच विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते शारुख ने सलमान के भाई से भी मारपीट की थी, जिसके बाद सलमान ने शारुख के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। सलमान का आरोप था कि शारुख ने उस समय भोपाल से बदमाशों को बुलाकर उस पर हमला करवाया था। हालाँकि, इस मामले में बाद में समझौता हो गया था, लेकिन अब यह शक जताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे उसी पुराने विवाद का हाथ हो सकता है। इस घटना ने न सिर्फ सारंगपुर बल्कि पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। पुलिस के लिए चुनौती यह है कि जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़कर मामले का खुलासा हो पाए।
इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक पत्रकार जो समाज की सच्चाई सामने लाने का काम करता है, उस पर बार-बार इस तरह के जानलेवा हमले होना न केवल पुलिस व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि समाज में सच बोलने वालों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। सलमान की हत्या ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन को और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
भोपाल में 7 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार समागम को संबोधित करते हुए राज्य में पत्रकार संरक्षण अधिनियम को तैयार करने के लिए वरिष्ठ पत्रकारों की एक समिति गठित करने की घोषणा की थी। हालांकि, समिति गठित हो चुकी है, लेकिन अब तक इस कानून का ड्राफ्ट नहीं बन पाया है। इससे पत्रकारों में निराशा है, क्योंकि लंबे समय से वे एक मजबूत सुरक्षा कानून की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें कार्यस्थल पर उत्पीड़न और हमलों से बचा सके।
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