रूपेश की पत्नी का सरकार पर आरोप, आदिवासी मुद्दों को उठाने व SC में पेगासस मामले में पेटीशनर होने के कारण हुई गिरफ्तारी

स्वतंत्र पत्रकार रूपेश को झारखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार
स्वतंत्र पत्रकार रूपेश को झारखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार
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पत्नी ने बयान जारी कर पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेटिशनर होने पर सरकार द्वार कार्रवाई का लगाया आरोप।

नई दिल्ली। झारखंड पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को रविवार दोपहर उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। तड़के करीब साढ़े पांच बजे ही सूबे के सरायकेला-खरसांवा की पुलिस उनके रामगढ़ स्थित घर पर पहुंच गई थी। सर्च वारंट दिखाकर पहले उनके घर की कई घंटों तक तलाशी ली गई। पुलिस उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी लेकर गई थी। वापस जाते समय उनको गिरफ्तार भी कर लिया। उनको कहां रखा गया है, समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी थी।

रूपेश को गिरफ्तार कर ले जाती हुई पुलिस
रूपेश को गिरफ्तार कर ले जाती हुई पुलिस

सुबह साढ़े पांच बजे के लगभग काफी संख्या में पुलिस बल रुपेश के रामगढ़ स्थित मकान पर पहुंचा। सर्च वारंट दिखाकर पूरे घर की एक बजे तक तलाशी ली गई। सर्च वारंट — सरायकेला-खरसांवा का कांड्रा थाना, केस नंबर- 67/21 जो आठ महीना पहले का मामला है। इसमें हाल में कुछ गिरफ्तारियां हुई थीं। इनमें आरोपियों से पूछताछ के दौरान रूपेश का नाम सामने आने का पुलिस ने दावा किया है। इसके बाद कार्रवाई अमल में लाई गई।

रूपेश के घर की तलाशी के दौरान बिखरा पड़ा घर का सामान
रूपेश के घर की तलाशी के दौरान बिखरा पड़ा घर का सामान

सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर एक बजे तक पूरे घर की तलाशी का क्रम जारी रहा। पुलिस ने यह नहीं बताया कि गिरफ्तारी वारंट भी है। जब जब्ती का सारा समान तैयार कर लिया गया तब आरेस्ट वारंट दिखा कर रूपेश को गिरफ्तार कर ले जाया गया है।

इधर, रूपेश की पत्नी ने आदिवासी मुद्दों को प्रमुखता से उठाने व पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेटिशनर होने के कारण केन्द्र व राज्य सरकार के दबाव में पुलिस पर गिरफ्तारी का आरोप लगाया है।

रूपेश की पत्नी ईप्सा स्वताकक्षी
रूपेश की पत्नी ईप्सा स्वताकक्षी

द मूकनायक से रूपेश की पत्नी ईप्सा स्वताकक्षी ने कहा, "पुलिस ने सुबह 5ः25 मिनट पर गेट पर नॉक किया। वापस जाने से तीन मिनट पहले गिरफ्तारी वारंट दिखाकर रूपेश को साथ ले गए। मकान की तलाशी के दौरान पुलिस के एक अधिकारी के पास फोन आया। इसके बाद पुलिसकर्मियों मकान के एक कमरे में करीब 20 से 25 मिनट तक अकेले रहे। इस दौरान हमको कमरे से बाहर कर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था।"

रूपेश के घर से थोड़ी दूरी पर स्थित पुलिस फोर्स
रूपेश के घर से थोड़ी दूरी पर स्थित पुलिस फोर्स

स्वताकक्षी ने आगे बताया, "पुलिसकर्मियों ने अपना परिचय सरायकेला-खरसांवा थाना पुलिस के तौर पर दिया था, लेकिन अघोषित रूप से जो सिविल ड्रेस में थे वो एसआईडी व एनआईए के लोग थे। घर से थोड़ी दूरी पर पूरी फोर्स खड़ी थी। सात गाडि़यों से लोग आए थे। गिरफ्तारी के बाद हमने पूछा आप रूपेश को कहा लेकर जाएंगे तो पुलिसकर्मियों ने बताने से मना कर दिया।"

उल्लेखनीय है कि रूपेश कुमार सिंह पहले से ही सरकारों के निशाने पर हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें पेगासस सूची में रखा था और उनके फोन की अवैध तरीके से निगरानी कर रहा था। लेकिन राज्य की पुलिस किसलिए और क्यों उन्हें गिरफ्तार की, अभी भी रहस्य बना हुआ है।

जानकारों का कहना है कि, रूपेश की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। किसी भी मामले में पुलिस को सबसे पहले पूछताछ करनी चाहिए और गिरफ्तारी से पहले उसे संबंधित शख्स को सूचना देनी चाहिए। जबकि इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया। इधर, पूरे प्रकरण में सरायकेला-खरसांवा पुलिस से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात नहीं हो पाई।

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