केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नौकरियों की घोषणा के बाद जहां देशभर के युवाओं को बेरोजगारी से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही थीं वहीं अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के घोषणा होने से देशभर के युवाओं में रोष व्याप्त हो गया है। दरअसल देशभर के युवा काफी समय से बढ़ते बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में 10 लाख नौकरियां देने का ऐलान करके बेरोजगारों को आश्वासन भी दिया है। लेकिन जिस योजना के बलबूते आश्वासन दिया गया अब उसी योजना के कारण देशभर के युवाओं के आक्रोश को शांत कर पाना केंद्र की मोदी सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
अग्निपथ योजना क्या है?
देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई केंद्र की मोदी सरकार की 'अग्निपथ योजना' मुश्किलों मे फंसती नजर आ रही है। मोदी सरकार के इस योजना के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं। बिहार-यूपी समेत तमाम जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं। सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत युवाओं को सिर्फ़ चार साल के लिए आर्मी में सेवा का मौका दिया जाएगा। वहीं यह बताया गया है कि भर्ती किये गए जवानों में से सिर्फ 25 प्रतिशत को सेना में रखा जाएगा। उम्र सीमा 21 साल ही अधिकतम थी लेकिन युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गयी और अधिकतम उम्र सीमा को 23 साल किया गया।
क्या कहते हैं युवा?
सेना भर्ती की नई योजना को लेकर युवाओं द्वारा उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शन लगातार जारी है। द मूकनायक ने इसकी जमीनी हकीकत जानने की जब कोशिश की। छात्रों का कहना है कि, सेना में जाने के लिए हम दिन रात पसीना बहाते हैं, मेहनत करते हैं। ट्रेनिंग और छुट्टियों को मिला दें तो कोई सर्विस सिर्फ़ चार साल की कैसे हो सकती है? हम केवल 3 साल की ट्रेनिंग लेकर देश की रक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को यह योजना रद्द करनी ही पड़ेगी।
सेना में जाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे छात्रों का सबसे बड़ा सवाल है कि, चार साल ही क्यों? 4 साल बाद हम क्या करेंगे, हम सब का दिल टूट गया है, मोदी सरकार क्या सोच रही है? सरकार दौड़ने नहीं आती, खून पसीना लगाकर दौड़ते हैं हम लोग। सेना में शॉर्ट सर्विस भी कम से कम 10-12 साल की नौकरी होती है। अग्निपथ योजना में सबसे बड़ी समस्या युवाओं के लिए यह है कि, चार साल के बाद 75 प्रतिशत युवाओं को नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। युवाओं की चिंता है कि चार साल के बाद वे क्या कर पाएंगे। युवाओं का कहना है कि, 17.5 साल में अग्निपथ में शामिल होने वाले युवा के पास न तो कोई डिग्री होगी और न ही कोई योग्यता, ऐसे में वह दोयम दर्जे की नौकरियों के लिए बाध्य होगा।
युवाओं की मांग
अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं की मांग बेहद स्पष्ट है। उनका कहना है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए। लंबे समय से सेनाओं में भर्ती न होने की वजह से परेशान छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती की रैलियां आयोजित कराई जाएं और परीक्षाएं शुरू हों। इसके अलावा, पुरानी लटकी भर्तियों को भी जल्द से जल्द क्लियर की जाएं। सेनाओं में भर्ती के लिए वही प्रक्रिया अपनाई जाए जो पहले अपनाई जाती थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'टूर ऑफ ड्यूटी' जैसी योजनाओं को वापस लेना ही होगा, वरना चार साल तक कोई भी सेना की नौकरी करने नहीं जाएगा।
यह नौकरी नहीं अपितु नौजवानों का शोषण है!
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस योजना का विरोध करते हुए कहा कि, "अग्निवीर सेना भर्ती के नाम पर बेरोजगार नौजवानों की योग्यता, क्षमता एवं प्रतिभा के साथ खिलवाड़ किये जाने की केंद्र सरकार की घिनौनी साजिश की घोर निंदा करता हूँ। यदि नौजवानों को सेना में सेवा करने का अवसर देना ही है तो अन्य सैन्य बल के जवानों की तरह पूर्णकालिक क्यों नहीं? भाजपा सरकार की नीति है कि पहले नौजवानों को बेरोजगार बनाओ फिर मज़बूरी का फायदा उठाते हुए सेना में 4 साल की संविदा भर्ती कर नौकरी देने की झूठी वाहवाही लूटो। यह नौकरी नहीं अपितु नौजवानों का शोषण है।"
योजना का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा की, "अग्निपथ के रूप में आग का रास्ता चुना है मोदी सरकार ने मुल्क के युवाओं के लिए। सबसे गरीब परिवारों का बेटा ही गांवों की पगडंडियों पर, सड़कों पर, हाईवेज पर तपती धूप-ठिठुरती ठंडी में खुद को तपाता-गलाता है ताकि सीना चौड़ा कर वह सेना में जाये। मां भारती की सेवा करे और अपने परिवार का सहारा बने। लेकिन उसके 'गर्व' को मोदी सरकार ने 4 साल के ठेका प्रथा के अधीन कर दिया। उनका गुरूर छीन लिया। न मान, न सम्मान, न पेंशन और कथित ग्रेचुएटी भी उन्हीं के हिस्से से। दिल्ली के दिहाड़ी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 20019 रूपये है, चपरासी की भी तनख्वाह 4 साल में 30000 से अधिक हो जाती है। नकली राष्ट्रभक्तों ने मुल्क के सच्चे राष्ट्रभक्तों के साथ क्रूर मजाक किया है। ऐसी क्रूरता, मनमानी भरे फैसले स्वीकार नहीं। सरकार अविलंब इसे वापस लें।"
अग्निपथ योजना का समर्थन कर रहे है भाजपा नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा युवाओं के हित में अगले 1.5 वर्षों में 10 लाख नौकरी देने का ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्य है।"
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