अब तक की ख़बरें: बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की प्राइमरी शिक्षक पद पर नियुक्तियां अटकी

अब तक की ख़बरें: बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की प्राइमरी शिक्षक पद पर नियुक्तियां अटकी
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नई दिल्ली। देश भर से बीते 24 घटों में महिला उत्पीडन, हत्या जैसी ख़बरें सामने आई हैं। बिहार में शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को झटका लगा है। वहीं राजस्थान एक संस्था ने निर्दोष लोगों की निशुल्क कानूनी पैरवी का बीड़ा उठाया है। पेश है द मूकनायक न्यूज ब्रीफ में और भी ऐसी ख़बरें जो आपके लिए जानना जरुरी है। 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकी

बिहार शिक्षक भर्ती में प्राथमिक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से जुड़े मामले को सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी बैंच को ट्रांसफर कर दिया है। ऐसे में बीएड पास अभ्यर्थियों को फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया। जिसके बाद नितीश सरकार ने अपनी अर्जी वापस ले ली है। इससे पहले 22 सितंबर को पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार की दलील को खारिज करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार में भी लागू होगा। बिहार की शिक्षक नियुक्ति में बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर नहीं बन सकेंगे। पटना हाइकोर्ट के इस फैसले को आधार बनाकर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर बीएड वालों को भी प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्त करने की इजाजत दी जाए। बीपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केवल डीएलएड पास उम्मीदवारों का ही रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है।

आपकों बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राथमिक शिक्षक के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उसके फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे।

राजस्थान: नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एपीसीआर करेगा निर्दोष लोगों की नि:शुल्क पैरवी 

राजस्थान में अज्ञानता या आर्थिक कमजोरी के कारण जो बेगुनाह लोग अपने कानूनी अधिकारियों से वंचित रह जाते हैं ऐसे लोगों के लिए एसोसिएशन फॉर प्रोटक्शन ऑफ सिलि राइट्स राजस्थान संस्था निशुल्क पैरवी करेगी। एपीसीआर ने सोमवार को जयुपर में अपना कार्यालय खोल दिया है। ऐसे में अब जरुरतमंदों को इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा। आदर्श नगर जयपुर में कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि एवं एडिशनल एडवोकेट जनरल राजस्थान सरकार और पुर्व बार काउन्सिल अध्यक्ष राजस्थान ने कहा कि संविधान ने आम नागरिक को अधिकार दिए हैं, ज्यादातर लोग अज्ञानता के कारण अपने अधिकारों के प्रति जागरुक नहीं रहते हैं। या आर्थिकक कमजोरी के कारण कानूनी पैरवी में बाधा आती है। कई लोग झूठे मुकदमों में फंस जाते हैं। ऐसे ही लोगों की पैरवी के लिए राजस्थान में एपीसीआर बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां बिना किसी जाति, धर्म व नस्ल भेद के जरुरतमंदों की नि:शुल्क मदद की जाती है। सिंह ने कहा कि बेकसुर लोगों को परेशान किया जाएगा तो में खुद एपीसीआर के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मदद करुंगा। इस दौरान एसोसिएशन फॉर प्रोटक्शन ऑफ सिविल राइट्स राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली, महामंत्री मुजम्मिल रिजवी, समग्र सेवा संघ अध्यक्ष सवाई सिंह, जमात-ए-इस्लामी हिंद प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़ीमुद्दीन, एडवोकेट एजाज उननबी, सहित कई लोग मौजूद रहे। 

बढ़ते महिला अपराधों पर राज्यपाल ने सीएम गहलोत को पत्र लिखा, कानून व्यवस्था को लेकर कही ये बात

राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधों को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर चुनावी रण में नई बहस छेड़ दी है। राज्यपाल की चिट्ठी के बाद से विपक्ष हमलावर है। राज्य पाल ने सीएम को चिट्ठी लिख कर पिछले 48 घंटों में प्रदेश में एक के बाद एक हुए महिला पर चिंता जताते हुए ऐसे अपराधी पर अंकुश लगाकर कानून व्यवस्था कायम करने के निर्देश दिए हैं। आपकों को बता दें कि प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में रविवार को एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपराधों पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार 54 महीनों में दस लाख से अधिक मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं। 32 हजार से अधिक महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई है। महिला अत्याचार के मामले में राजस्थान देश में नंबर एक पर है। राजस्थान में रविवार तक बीते 48 घंटों में 13 अलग-अलग स्थानों पर महिला अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाएं हुई है। प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में युवकों की छेड़छाड़ से परेशान दो बहनों ने शनिवार को आत्महत्या की थी। शनिवार को ही जयपुर जिले में एक महिला शिक्षिका से दुष्कर्म और कोटा में बुजुर्ग महिला की हत्या की घटना सामने आई थी। बालिकाओं की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर एसएचओ की लापरवाही मानते हुए पुलिस ने संबंधित थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया। 

राजस्थान: शिक्षक ने छात्रा को छेड़ा, विरोध करने पर फेल करने की धमकी, मामला दर्ज

राजस्थान के भुसावर (भरतपुर) के एक सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 9वीं की नाबालिग दलित छात्रा के साथ शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। घटना 6 अक्टूबर की बताई गई है। पीड़ित छात्रा के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक रामसिंह मीना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पीड़ित छात्रा के पिता ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार 6 अक्टूबर को उसकी 14 वर्षीय नाबालिक बेटी सरकारी स्कूल में अध्यापक के पास जाति प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज प्रमाण्तिा करवाने गई थी। उस वक्त क्लास चल रही थी। आरोपी अध्यापक ने हस्ताक्षर करते हुए छात्रा से छेड़छाड़ की। जब उसने छेड़छाड़ का विरोध किया तो आरोपी ने फेल करने की धमकी दी। आरोप है कि शिक्षक गलत काम करने के लिए फेल करने की धमकी देकर दबाव बना रहा है। 

यूपी के इटावा में दोहरा हत्याकांड, दो मासूम बहनों का हुआ कत्ल 

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से दो मासूम बहनों के कत्ल की खबर है। घटना रविवार शाम की बताई गई है। दोनो बनों के खून से सने शव घर के अंदर मिले हैं। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने साक्ष्य जुटा कर जांच शुरू करदी। दोनों शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अस्पताला भेज दिया। दो बहनों की गला रेत कर हत्या किसने और क्यों की अभी पता नहीं चल सका है।

मामला बलरई थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव का है। पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जयवीर के तीन पुत्रियां और चार पुत्र हैं। रविवार शाम जयवीर अपने बेटे के साथ खेतों में काम करने के गए थे। घर पर अंजली (18), सुरभी (7) और रोशनी (5) अकेली थीं। बताया जा रहा है कि शाम करीब पौने छह बजे बड़ी बहन अंजली अपनी छोटी बहनों को घर पर ही छोडक़र खेत से चारे का गठ्ठर लेने चली गई। करीब 10 मिनट बाद आई, तो सुरभी व रोशनी दोनो छोटी बहनें नजर नहीं आई। बहनों को तलाश करते हुए कमरे के अंंदर गई तो दोनो की गर्दन कटे शव मिले। अंजली की चीख सुनकर पड़ोसी घर में पहुंचे। कुछ देर बाद परिजन भी खेत से घर पहुंच गए। देखते ही देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई। हर कोई यह जानने को आतुर था कि यह कैसा हुआ। आखिर दस मिनट में कोई कैसे दो हत्याएं कर फरार हो सकता है। पुलिस भी सभी एंगलों से जांच कर रही है।

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