ग्राउंड रिपोर्ट: सागर ऐसा भी कर सकता है यकीन नहीं होता!- संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले युवक के परिजन व पड़ोसी बोले

आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा सागर शर्मा का परिवार, तीन अन्य आरोपी भी बेरोगारी के मुद्दे को लेकर थे मुखर।
सागर के नाना जगदीश
सागर के नाना जगदीशफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक
Published on

लखनऊ। नई दिल्ली में संसद की कार्रवाई के बीच कलर स्मोक लेकर हड़कम्प मचाने वाला सागर शर्मा यूपी की राजधानी लखनऊ का रहने वाला है। घर में एक बुजुर्ग नाना, मामा, बीमार मां, कुँवारी बहन और पिता हैं। परिवार किराए के मकान में रहता है। वह घर का खर्च, मां-नाना की दवाई और बहन की शादी के लिए पैसे इकट्ठे करने के लिए ई-रिक्शा चलाता था। सागर के परिजनों से लेकर पड़ोसियों तक ने इस कृत्य पर अचम्भा जाहिर किया है। उन्होंने कहा- सागर ऐसा कर सकता है। यकीन नहीं होता।

सागर का परिवार मूलरूप से उन्नाव का रहने वाला है, लेकिन उन्नाव का घर अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। द मूकनायक की टीम सागर शर्मा के घर पहुंची थीं। सागर के घर के आस-पास जो भी मिला। वह यही कह रहा था। सागर बहुत मेहनती और सीधा लड़का था।

सागर का बंद पड़ा किराए का मकान।
सागर का बंद पड़ा किराए का मकान।फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

संसद भवन की कार्रवाई के बीच सागर पीले रंग का कलर स्मोक लेकर अंदर घुस गया था। यह देखकर सदन में मौजूद सांसदों में हड़कम्प मच गया था। सांसदों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। अब सागर को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं उसपर व उसके तीन साथियों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है। उसके बारे में कई टीमें जानकारी जुटाने में लगी हैं।

सागर के पिता 30 साल पहले गांव छोडकर दिल्ली में रहकर फर्नीचर बनाने का काम करते थे। दिल्ली में ही सागर पैदा हुआ था। 6 साल की उम्र में सागर के पिता एक छोटी बहन और मां के साथ लखनऊ में आलमबाग के रामनगर इलाके में रहने आ गए थे। उसका परिवार पिछले 15 वर्षों से गोकुल वर्मा के मकान में किराए पर रहता था। उसी मकान में 6 और किराएदार रहते हैं। संसद भवन वाली घटना में सागर के शामिल होने का पता चलते ही इलाके के लोग रामनगर पहुंच गए। घर के सामने लोगों का मजमा जमा हो गया। परिजनों के साथ ही इलाके के लोगों को भी यकीन नहीं हुआ कि सागर इतना बड़ा कदम उठा लेगा।

सागर ने संसद में जाने के लिए इस पास का इस्तेमाल किया।
सागर ने संसद में जाने के लिए इस पास का इस्तेमाल किया।फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

मामा प्रदीप का कहना है कि सागर शांत स्वभाव का था। व्यवहार में वह बहुत अच्छा था। बहुत ही सीधा-साधा है। कभी कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं करता था। पता नहीं कैसे वह संसद तक पहुंच गया। ये समझ में नहीं आ रहा। उनका कहना है कि सागर को किसी ने फंसाया है। किसी के बहकावे में आकर उसने ऐसा कदम उठाया है।

नाना जगदीश ने बताया कि उनकी एक बेटी हरियाणा और एक दिल्ली के वसंत विहार में रहती हैं। सागर का जन्म दिल्ली के बसंत विहार में ही हुआ था। करीब 15 वर्ष पहले रोशन समेत पूरा परिवार मानकनगर के रामनगर में आकर किराए पर रहने लगा। सागर 6 माह से बेंगलुरु में था। बाद रक्षाबंधन पर वापस लखनऊ आया था।

वह बेंगलुरु से लौट कर ई-रिक्शा चलाता था। मां रानी ने बताया सोमवार सुबह सागर उनके पास आया। उसने कहा कि दिल्ली में एक धरना. प्रदर्शन में शामिल होने दोस्तों के साथ जा रहा हूं। मां के और सवाल पूछने पर सागर ने चुप्पी साध ली। मां का कहना है कि इससे पहले सागर किसी तरह के धरना-प्रदर्शन में शामिल होने नहीं गया। उसके दिल्ली में प्रदर्शन की बात ने उन्हें भी चौंका दिया था। इससे पहले की वह कुछ और पूछती सागर घर से निकल गया।

पीले रंग का कलर स्मोक जिसका उपयोग सागर ने किया था.
पीले रंग का कलर स्मोक जिसका उपयोग सागर ने किया था.फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

सागर ने फेसबुक पर दो प्रोफाइल बनाई है। उसके ज्यादातर पोस्ट सरकार विरोधी हैं। 27 सितंबर 2021 को किए गए पोस्ट में उसने लिखा है कि बॉलीवुड, क्रिकेट, धर्मान्धता, ब्लाइंड ट्रेंड्स नशा और जुआ आदि देश की समस्याओं से ध्यान हटाने के बड़े साधन हैं। जिन नौजवानों को कल देश की बागडोर हाथ में लेनी है, उन्हें आज अक्ल के अंधे बनाने की कोशिश की जा रही है। पोस्ट के नीचे भगत सिंह लिखा है। दोस्तों का कहना है कि सागर भगत सिंह को फॉलो करता था। 14 अगस्त 2021 को उसने 1947 में भारत के साम्प्रदायिक विभाजन के पोस्ट को शेयर किया है।

लोकसभा में दर्शक दीर्घा से छलांग लगाकर सदन में कूदने वाले सागर शर्मा ने अपने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में जो लिखा, वह कार्य के पहले के संकेत देता है। वह लिखता है कि प्रयास करना जरूरी है, फिर चाहे आप जीतें या हारें। सागर अपने अन्य साथी के साथ वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी पर दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में अफरातफरी मचा दी। आरोपियों ने कैन से पीला धुआं उड़ाते हुए नारेबाजी की, जिन्हें बाद में सांसदों ने पकड़ लिया।

दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, यूएपीए लगाया

दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है। संसद मार्ग पुलिस थाने में यूएपीए की धारा 16 आतंकवादी कृत्यों के लिए दंड और धारा 18 साजिश आदि के लिए दंड तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी आपराधिक साजिश, धारा 452, अवैध प्रवेश, धारा 153, दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना, धारा 186, लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना और धारा 353 लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना अथवा हमला करना के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है और इसमें शामिल रहे लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाल रही है।

सोशल मीडिया पर दूसरे आरोपियों से हुआ परिचय

सोशल मीडिया के जरिए सागर की पहचान मनोरंजन से हुई। मनोरंजन भी सागर के साथ ही था। मनोरंजन पेशे से इंजीनियर है। वह बेंगलुरु के मैसूर का रहने वाला है। संसद के बाहर हंगामा करने वालों में एक महिला नीलम जींद (हरियाणा) की रहने वाली है। उसके साथ जो युवक था उसका नाम अमोल शिंदे है। वह लातूर (महाराष्ट्र) का रहने वाला है। नीलम बीए, एमए पास है। सभी आरोपी गुरुग्राम के विक्की शर्मा उर्फ जंगली के घर पर ठहरे थे। विक्की और उसकी पत्नी हिरासत में हैं। सातवां आरोपी ललित झा फरार है और उसे ही मास्टरमाइंड माना जा रहा है। ललित ही सभी आरोपियों को विक्की के घर पर लेकर गया था।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com