भोपाल। राजधानी भोपाल में 1984 की गैस त्रासदी के पीड़ित परिवार आज भी संघर्ष कर रहे हैं। अब गैस कांड में अपने परिवार के सदस्यों को खो चुके लोग राशन और पेंशन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गैस पीड़ित व निराश्रित पेंशनभोगी महिलाओं ने गत मंगलवार को राशन की समस्या के चलते कलक्टरी पर प्रदर्शन किया।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए गैस त्रासदी के कारण अपने परिवार को गंवा चुकीं प्रतिभा अहिरवार ने बताया कि वह काफी परेशान है। गैस त्रासदी के बाद उनके परिवार की चार लोगों की मौत हो चुकी है। उनके दो बच्चों के साथ उनके सास-ससुर की मौत हुई थी। प्रतिभा ने बताया कि फिलहाल परिवार में पांच लोग हैं जिनमें से 2 लोगों का नाम राशन की पात्रता पर्ची में नहीं आता इसलिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में राशन मिलने में परेशान आ रही है।
वहीं गैस त्रासदी पीड़िता सीमा यादव द मूकनायक को बतातीं है कि उनके पति, देवर और सास की मौत गैस त्रासदी के कारण हुई थी। जिसके बाद उनके ऊपर ही परिवार को चलाने की जिम्मेदारी है। सीमा ने बताया कि वह एक कॉलेज में साफ-सफाई का काम करतीं है और उसी से उनकी आजीविका चल रहीं है। घर में बुजुर्ग ससुर है उनकी देखवाल भी वह करती है। राशन की समस्या के साथ ही उनकी पेंशन रुकी हुईं है। महज 1 हजार रुपए की पेंशन के लिए उन्होंने दफ्तरों के चक्कर काटे मगर फिर भी पेंशन नहीं मिली। सीमा कहतीं है सरकार ने गैस पीड़ितों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बीपीएल सूची में नाम आने के बाद व नगर निगम के वार्ड कार्यालय से समग्र आईडी में दर्ज सभी सदस्यों का सत्यापन होने के बाद भी खाद्यान्न पात्रता पर्ची में परिवार के सभी लोगों के नाम नहीं होते हैं। पात्रता पर्ची का सत्यापन नगर निगम द्वारा बीपीएल सर्वे के आधार पर किया जाता है। परिवार के सभी सदस्यों के आधार दर्ज करने के उपरांत पात्रता पर्ची की अनुसंशा स्थानीय निकाय द्वारा डीएसओ /जेएसओ को की जाती है। इसके बाद एनआईसी को की जाती है। इस प्रक्रिया में विभाग एक साल से ज्यादा का समय लगा देता है, जिससे गरीब परिवारों को लाभ नहीं मिलता है।
संगठन के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने दो वर्ष पहले घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में दर्ज 25 श्रेणी के सभी गरीब परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी कर राशन दिया जाएगा। प्राथमिकता वाले पात्र श्रेणी में वृद्ध अवस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राही भी शामिल हैं, जिनकी संख्या भोपाल में 40 हजार से अधिक है, लेकिन आज तक जिला प्रशासन द्वारा खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई। जिस कारण से गरीब पेंशन भोगी खाद्यान्न का लाभ लेने से वंचित हैं।
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