दलितों, अल्पसंख्यक समुदाय, शोषितों, वंचितों को लेकर सत्ता से सवाल करने वाले मिल्लत टाइम्स मीडिया संस्थान का फेसबुक पेज डिलीट हो गया है। फेसबुक ने बिना कारण बताए मिल्लत टाइम्स (Millat Times) का पेज डिलीट कर दिया जिसके बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी फेसबुक से नाराजगी जाहिर कर विरोध जताया है।
क्या है मामला
न्यूज़ वेबसाइट मिल्लत टाइम्स का दावा है कि फेसबुक (Facebook) ने बिना कारण बताए ही उसका ऑफिशियल पेज डिलीट कर दिया है। मिल्लत टाइम्स के फेसबुक पेज पर करीब 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स थे। मिल्लत टाइम्स के खिलाफ फेसबुक की कार्रवाई पर अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी नाराजगी जाहिर की है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपने ट्विटर पर लिखा, "प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मल्टीमीडिया ऑनलाइन न्यूजपोर्टल मिल्लत टाइम्स के पेज को हटाने के फेसबुक के एकतरफा फैसले की निंदा करता है, हम मांग करते हैं कि करीब दस लाख फॉलोअर्स वाले पेज को बहाल किया जाए।"
शकील अहमद ने जताई नाराजगी
कांग्रेस के पूर्व सांसद व जनरल सेक्रेटरी शकील अहमद ने भी मिल्लत टाइम्स के समर्थन में फेसबुक से नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध जताया और पेज को बहाल करने की मांग की है। शकील अहमद ने कहा कि "यह अन्यायपूर्ण और मनमाना है कि फेसबुक ने बिना किसी सूचना या पूर्व सूचना के 1 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स वाले मिल्लत टाइम्स के पेज को डिलीट कर दिया.मिल्लत टाइम्स के पेज को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए"
पोस्टर शेयर करने पर एक्शन
बता दें कि, मिल्लत टाइम्स का ऑफिशियल पेज सोमवार 13 दिसंबर 2021 को डिलीट हुआ था। मिल्लत टाइम्स का दावा है कि फेसबुक ने उनके पेज को एक पोस्टर के शेयर करने के बाद डिलीट किया है। उस पोस्टर में गुरुग्राम में जुमे की नमाज को लेकर एक सवाल पूछा गया था। पोस्टर में लिखा था कि 'मुसलमानों के नमाज पढ़ने पर पाबंदी, दूसरे धर्म के लोगों को परमिशन?'
मिल्लत टाइम्स के मुताबिक़ बस इसी पोस्टर को शेयर करने के बाद फेसबुक ने पेज डिलीट कर दिया। पेज के डिलीट होने के बाद सोशल मीडिया यूज़र्स में फेसबुक के विरुद्ध काफ़ी नाराज़गी देखने को मिली। अब ट्विटर पर यूज़र्स मिल्लत टाइम्स के फेसबुक पेज को तुरंत बहाल करने की मांग कर रहे है।
मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी ने द मूकनायक से बात करते हुए बताया कि उन्होंने फेसबुक के पॉलिसी प्रोग्राम मैनेजर को लेटर लिखा है, लेकिन अबतक फेसबुक की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है, न ही पेज डिलीट करने को लेकर फेसबुक ने कोई आधिकारिक जानकारी दी है. इतने सारे विरोध के बाद भी अब तक फेसबुक पर पेज रिस्टोर नहीं हुआ है.यदि हमारा पेज जल्द रिस्टोर नही हुआ तो हम फेसबुक के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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