गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर निलंबन रद्द करने की अपील की है. डॉ. कफील खान ने पत्र में वर्तमान में कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता जाहिर की है साथ ही उन्होंने मरीजों की सेवा के लिए उनका निलंबन वापस किए जाने की अपील की, ताकि वे इस घड़ी में लोगों की मदद कर सकें.
डॉ. कफील खान अपने पत्र में लिखा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर पूरे भारत मे त्राहि मचा रही है. बाकि डॉक्टरों पर भी विभागीय कार्रवाई होने के बावजूद उनका निलंबन समाप्त कर सेवा बहाली कर दिया गया है. इसी आधार पर मेरा भी निलम्बन समाप्त होना चाहिए. इस महामारी में देश की सेवा करने का अवसर दें, चाहे महामारी के रोकथाम के बाद पुनः
निलम्बित कर दें.
अपने पत्र में उन्होंने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. राजेश मिश्रा और मेंटेनेंस प्रभारी डॉ. सतीश कुमार का जिक्र करते हुए लिखा कि उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई चल रही थी, लेकिन उन्हें बहाल कर दिया गया है. उन्होंने लिखा है कि 36 बार पत्र लिखने के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा उनका निलंबन वापस नहीं लिया जा रहा. उन्होंने इलाहबाद हाई कोर्ट के
आदेश का भी जिक्र अपने पत्र में किया है. उनका कहना है कि कोर्ट ने उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से उन्हें मुक्त कर दिया है. साथ ही 90 दिनों लंबन वापसी पर विचार के लिए कहा था. लेकिन 1300 दिनों के बाद भी उनका निलंबन वापस नहीं हुआ है. मैं इस संकट की घड़ी में देश के नागरिकों की सेवा करना चाहता हूं.
साल 2017 में डॉ. कफील खान का नाम पहली बार चर्चा में आया था. जब गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में ऑक्सीजन की कमी से एक सप्ताह के अंदर 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. इस दौरान उन्होंने निजी तौर पर ऑक्सीजन सिलिण्डर की व्यवस्था अस्पताल में की थी. लेकिन कुछ दिनों बाद ही डॉ. कफील को ऑक्सीजन कमी का जिम्मेदार माना गया.
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