नई दिल्ली। पूरे देश में गत रविवार को संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष संविधान दिवस का मुख्य आकर्षण सुप्रीम कोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा की स्थापना थी। वहीं अलग-अलग शहरों में बाइक रैली, पैदल मार्च, सेमिनार व संगोष्ठी आयोजित की गईं।
लखनऊ शहर के गोमती नगर क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में 'संविधान लोकतांत्रिक प्रणाली को बढ़ावा देता है' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई, इस कार्यक्रम का आयोजन बौद्ध अंबेडकर कल्याण एसोसिएशन द्वारा किया गया था, जिसमें अतिथि के रूप में समाज के सभी क्षेत्रों के लोग शामिल थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इग्नू की प्रोफेसर कौशल पंवार और मंजू लाल और डॉ. प्यारे लाल थे। इस अवसर पर बोलते हुए, गृह विभाग के उप सचिव अर्जुन देव भारती ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें शोषित समाज के लोगों को संविधान के मार्ग से भटकाने के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहीं हैं, लेकिन सब को याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक तरफ गांधी थे और जिन्ना, लेकिन अंबेडकर सीधे अपने लक्ष्य की तरफ चलते रहे और धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र का मार्ग अपनाया। उन्होंने यह भी कहा कि एससी, एसटी व ओबीसी को हिंसा से बचना चाहिए। क्योंकि यह संवैधानिक मूल्यों के भी खिलाफ है। कालाराम मंदिर में बाबासाहेब के ऊपर हिंसा हुई, लेकिन उन्होंने कभी हिंसा का मार्ग नहीं चुना। इस दौरान युवा गायिका अनुष्का गौतम ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के संघर्षों को समर्पित गीतों की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भारतीय सामाजिक न्याय मिशन ट्रस्ट ने संविधान संकल्प यात्रा नामक एक पैदल मार्च आयोजित किया। संविधान संकल्प यात्रा आशियाना स्थित महाराजा बिजली पासी किला से होकर कैंट के रास्ते हजरतगंज स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर आकर समाप्त हुई। इस दौरान संविधान में आस्था रखने वाले लोगों ने संविधान की रक्षा की शपथ ली। भारतीय सामाजिक न्याय मिशन ट्रस्ट के अध्यक्ष करमवीर आजाद ने कहा कि उनका संगठन गांव-गांव जाकर संविधान के प्रति जागरूकता फैलाएगा. उन्होंने कहा कि संविधान का विरोध करने वाले लोग अक्सर भारतीय संविधान की आलोचना करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को संविधान के खिलाफ बोलने वाले आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबोरॉय के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
संविधान प्रचारक के नाम से भी जाने वाले अशोक कुमार बौद्ध ने बाराबंकी से लखनऊ तक एक बाइक रैली निकाली, जिसमें बाबासाहेब अम्बेडकर को समर्पित गाने बजाए गए, उन्होंने लखनऊ और बाराबंकी के लगभग 50 गांवों को कवर किया, रैली में भाग लेने वालों ने गावों में संविधान के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए पर्चे बांटे।
बीबीएयू: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में अंबेडकर स्टूडेंट्स दलित स्टूडेंट्स यूनियन (एयूडीएसयू) द्वारा रन फॉर कॉस्टीटूशनल वैल्यूज आयोजित की गई। दौड़ अशोक छात्रावास से शुरू हुई और अंबेडकर भवन के पास अंबेडकर प्रतिमा पर समाप्त हुई। इस दौरान छात्रों ने अपने विचार रखे।
जालौनः युवा दस्तक ने अपने गठन के एक वर्ष पूरे होने पर जालौन में संविधान दिवस मनाया। संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद अम्बेडकरवादी समूह ने प्रस्तावना का पाठ किया। इसके बाद अधिवक्ताओं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के अलग-अलग पैनल में चर्चा हुई। युवा दस्तक के संस्थापक कुलदीप कुमार ने द मूकनायक को बताया कि युवा दस्तक 25 साल के विजन वाला एक अभियान है। इस समूह के सदस्य राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश आदि को पत्र भेजकर संविधान के संवैधानिक मूल्यों को बचाने का वादा लेते हैं।
राष्ट्रीय युवा समानता मंच द्वारा पटना चिडि़याघर से हज हाउस तक पैदल मार्च निकाला गया। प्रतिभागियों द्वारा भाषण दिए गए और मोहम्मद अली (सहायक प्रोफेसर) को विजेता घोषित किया गया। अपने भाषण में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की एक बड़ी उपलब्धि थी कि मसौदा समिति के सदस्यों ने एक-दूसरे को सुना और अपने मतभेदों को दूर करते हुए आम सहमति पर पहुंचे। आज के समय में ऐसी बात अकल्पनीय है।
कार्यक्रम के संचालक अजीत शेखर ने द मूकनायक को बताया कि प्रत्येक प्रतिभागी को ओमप्रकाश वाल्मिकी द्वारा लिखित जूठन की प्रति और संविधान की प्रस्तावना के साथ-साथ पौधे देकर सम्मानित किया गया।
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