गुवाहाटी। मणिपुर (Manipur) के दो लापता छात्रों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच मामले की जांच कर रही सीबीआई को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सीबीआई ने पुणे से एक शख्स को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की उम्र 22 साल बताई गई है और संदेह जताया है, कि लापता मणिपुरी छात्रों (Manipuri Students) के मामले में वह मास्टरमाइंड है। इस बात की जानकारी सीबीआई अधिकारियों की ओर से दी गई है। दो छात्र 6 जुलाई को लापता हो गए थे। इसके बाद में 25 सितंबर को कथित तौर पर उनके शव दिखाने वाली तस्वीरें वायरल हुईं थीं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने पाओलुनमांग नाम के व्यक्ति को गत बुधवार (11 अक्टूबर) को पुणे से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई उसको पुणे से गुवाहाटी लेकर गई जहां अदालत में पेश किया गया। गुवाहाटी की विशेष अदालत ने आरोपी पाओलुनमांग को 16 अक्टूबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने इस मामले में 1 अक्टूबर को दो पुरुषों, पाओमिनलुन हाओकिप और स्मालसॉम हाओकिप के अलावा 2 महिलाओं, ल्हिंगनेइचोंग बैतेकुकी और टिननेइलिंग हेंथांग को भी गिरफ्तार किया था।
लापता छात्रों के परिजनों की शिकायतों के आधार पर दो मामले पहले दर्ज किए गए थे। इंफाल पुलिस ने 8 जुलाई तो लाम्फेल पुलिस ने 19 जुलाई को मामला दर्ज किया था। दो छात्र 6 जुलाई को लापता हो गए थे। इसके बाद में 25 सितंबर को कथित तौर पर उनके शव दिखाने वाली तस्वीरें वायरल हुईं थीं। छात्रों के शवों का दावा करने वाली इन वायरल तस्वीरों के सामने आने के बाद पहले से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर (Manipur) में छात्रों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किये। इसके बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ने कहा था कि सरकार सीबीआई जांच करवाएगी और दोनों युवकों के मामले में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।
सीबीआई ने गत 23 अगस्त को इन दोनों मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी। सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने एजेंसी के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एक विशेष टीम को मामले की निगरानी के लिए 27 सितंबर को मणिपुर भेजा गया था।
आज भी मृत छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों के शवों के इंतजार में हैं, ताकि वो उनका अंतिम संस्कार सम्मान से कर सकें। वह सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं।
मैतेई प्रथा के अनुसार अंतिम संस्कार की विधि के लिए उनके पहने हुए कपड़े के कम से कम एक छोटे टुकड़े की जरूरत है। दोनों माताएं अंतिम संस्कार होने तक रोजाना अपने बच्चों की तस्वीरों के सामने अगरबत्ती, मोमबत्तियां और भोजन का एक छोटा हिस्सा चढ़ाती हैं।
मणिपुरमें 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद दोनों समुदायों में हिंसा जारी है। यहां बहुसंख्यक मैतेई 53 प्रतिशत हैं, जो इंफाल घाटी में रहते हैं, और आदिवासी कुकी समुदाय 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं 5172 आगजनी के केस सामने आए, जिनमें 4786 घरों और 386 धार्मिक स्थलों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं शामिल हैं।
मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं।
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