बिहार विधान परिषद के 90% सदस्य करोड़पति, 63% सदस्यों पर अपराधिक मामले हैं दर्ज: ADR की रिपोर्ट में दावा

बिहार विधानपरिषद
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रिपोर्ट के मुताबिक बिहार विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों में से 63 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि एक सदस्य की औसत संपत्ति 33.87 करोड़ रुपए है।

रिपोर्ट- सौरव सिंह

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच ने बिहार के कुल 70 में से 60 वर्तमान विधान परिषद के सदस्यों के वित्तीय, अपराधिक एवं अन्य विवरणों के विश्लेषण को जारी किया है। 3 विधान परिषद के सदस्यों के शपथ पत्र उपलब्ध न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं हो पाया। जबकि, 12 मनोनित विधान परिषद के सदस्यों को अपने शपथ पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए उनसे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध नही है।

बिहार विधान परिषद में करोड़पतियों का बोलबाला

60 में से 54 (90 प्रतिशत) वर्तमान विधान परिषद के सदस्य करोड़पति हैं। अगर औसतन संपत्ति की बात करें तो वर्तमान विधान परिषद के सदस्यों की औसतन संपत्ति 33.87 करोड़ रुपए है। जिसमें BJP के 16 में से 15 (94%), JD(U) के 17 में से 15 (88%), RJD के 14 में से 12 (86%), INC के 4 में से 3 (75%) और निर्दलीय के 5 में से 5 (100%) विधान परिषद के सदस्य करोड़पति हैं।

60 सदस्यों में से 25 सदस्य ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 करोड़ रूपए से ज्यादा है, 10 सदस्य ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 5 करोड़ और 10 करोड़ रुपए के बीच में बताई गई है। 19 सदस्य ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 1 करोड़ और 5 करोड़ रुपए के बीच में है। वहीं 6 सदस्य ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 20 लाख और 1 करोड़ रुपए की बीच बताई गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा धनी सच्चिदानंद राय हैं जो की निर्दलीय सदस्य हैं। इनकी कुल संपत्ति 1108 करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर बीजेपी के राजीव कुमार हैं, जिनकी कुल संपत्ति 159 करोड़ रुपए है। तीसरे नंबर पर बीजेपी के ही अशोक कुमार अग्रवाल हैं, जिनकी कुल संपत्ति 101 करोड़ रुपए है। वहीं अगर सबसे कम संपत्ति वाले सदस्यों की बात करें तो RJD की मुन्नी देवी के पास सबसे कम संपत्ति है, जो की कुल 29 लाख रुपए बताई गई है। दूसरे नंबर पर JDU के नीरज कुमार हैं जिनकी कुल संपत्ति 49 लाख रुपए है, और तीसरे नम्बर पर RJD के एमडी सोहैब हैं जिनकी कुल संपत्ति 49 लाख रुपए है।

63 प्रतिशत सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले

रिपोर्ट के मुताबिक, 60 सदस्यों में से 38 यानि 63 प्रतिशत सदस्यों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमे 20 विधान परिषद के सदस्यों पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं, 2 विधान परिषद के सदस्यों पर हत्या (आईपीसी – 302) से संबंधित मामले दर्ज हैं।

विधान परिषद के सदस्यों द्वारा घोषित अपराधिक मामले दलवार देखें तो – बीजेपी के 16 में से 11 (69 प्रतिशत), राजद के 14 में से 10 (71 प्रतिशत), जेडीयू के 17 में से 8 (47 प्रतिशत), आईएनसी के 4 में से 3 (75 प्रतिशत), सीपीआई के 2 में से 2 (100 प्रतिशत) और 5 में से 2 (40 प्रतिशत) निर्दलीय सदस्यों के उप्पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं अगर महिलाओं से जुड़े अत्याचार संबंधित मामले की बात करें तो 2 सदस्य ने अपने ऊपर महिलाओं से संबंधित मामले दर्ज होने की बात कही है।

अगर सदस्यों द्वारा गंभीर मामले को दलवार देखें तो – बीजेपी के 16 में से 5 (31 प्रतिशत), राजद के 14 में से 5 (36 प्रतिशत), जेडीयू के 17 में से 7 (41 प्रतिशत) और 5 में से 1 (20 प्रतिशत) निर्दलीय विधान परिषद के सदस्यों ने अपने ऊपर गंभीर अपराधिक मामले घोषित किया है।

विधान परिषद के सदस्यों से जुड़ी शैक्षणिक जानकारी

रिपोर्ट के मुताबिक, 60 सदस्यों में से 15 यानी की 25 प्रतिशत विधान परिषद के सदस्यों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच बताई है। जबकि, 43 यानी 72 प्रतिशत सदस्यों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है। 1 विधान परिषद सदस्य ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक और 1 विधान परिषद के सदस्य ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर घोषित की है।

विधान परिषद के सदस्यों की आयु

3 यानी 5 प्रतिशत विधान परिषद के सदस्यों ने अपनी आयु 31 से 40 वर्ष के बीच बताई है। जबकि, 44 यानी 73 प्रतिशत विधान परिषद के सदस्यों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच बताई है। वहीं 13 यानी 22 प्रतिशत विधान परिषद के सदस्यों ने अपनी आयु 61 से 80 बताई है।

रिपोर्ट के मुताबिक विश्लेषण में शामिल कुल 60 सदस्यों में 6 (10 प्रतिशत) महिला सदस्य हैं।

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