बलात्कार मामले में आसाराम को दूसरी बार उम्रकैद की सजा, एक समय लगती थी नेताओं की मंडली

आसाराम बापू
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गुजरात। गुजरात की गांधीनगर की एक अदालत ने 31 जनवरी को आसाराम (81) को महिला शिष्या से रेप के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जोधपुर जेल में बंद आसाराम रेप के एक अन्य मामले में पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आसाराम का बेटा नारायण साईं भी रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

भारत मे 2008 से पहले आध्यात्मिक गुरु के नाम से आसाराम महशूर थे। 2008 में आश्रम के बाहर दो अधजले बच्चों के शव ने आसाराम के लिए तबाही साबित हुए। आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन का नाम असुमल हरपलानी था। जानकारी के मुताबिक आसाराम शुरुआती दिनों में तांगा चलाना, व साइकिल दुकान में काम करता था। आसाराम ने बेहद कम उम्र में ही खुद को कच्छ के एक संत लीला शाह बाबा का शिष्य घोषित किया और धर्म के नाम पर लोगों को लूटने का धंधा भी शुरू कर दिया। कुछ समय बाद असुमलन हरपलानी ने अपना नाम बदलकर आसाराम बापू किया।

खुद को 'भगवान' बताने वाले आसाराम को उसके अनुयायी 'बापू' बुलाते थे। एक वक्त था जब आसाराम के भक्तों में बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल रहती थीं। आसाराम को दुनिया में बड़ा संत माना जाता था। आसाराम के 4 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर हैं। बड़े-बड़े राजनेता उसके आश्रम में मत्था टेकने आते थे।

आसाराम बापू
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2008 में दो बच्चों के अधजले शव मिले

आसाराम के पापों को चिट्ठा साल 2008 में ही खुलना शुरू हो गया था। 2008 में आसाराम के गुजरात के मोटेरा में बने आश्रम के बाहर साबरमती नदी के सूखे तल में दो बच्चों के अधजले शव मिले थे। दोनों बच्चों की पहचान 10 वर्षीय अभिषेक वाघेला और 11 वर्षीय दीपक वाघेला के रूप में हुई थी। दोनों बच्चे चचेरे भाई थे। बच्चों के घरवालों ने आरोप लगाया था कि दोनों का एडमिशन गुरुकुल में करवाया गया था। ऐसा दावा किया जाता है कि तंत्र-मंत्र के लिए बच्चों को बलि चढ़ाया गया था।

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आसाराम पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप लगा

गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया था। इस मामले में कई लोगों को हत्या का दोषी भी ठहराया गया था। फिर भी आसाराम पर कोई आंच नहीं आई। हालांकि मुश्किलें जरूर बढ़नी शुरू हो गई थीं। साल 2013 में आसाराम और उसके परिवार की काली करतूतें का पर्दाफाश हो गया था। आसाराम पर एक नाबालिग लड़की से रेप करने का आरोप लगा था।

जोधपुर पुलिस ने आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया

राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले व्यक्ति ने आसाराम पर उनकी बेटी से रेप का आरोप लगाया था। व्यक्ति के मुताबिक उनकी बेटी छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी। गुरुकुल में बताया गया कि बेटी पर भूत-प्रेत का साया है। केवल आसाराम ही उसे ठीक कर सकता है। बाबा के अनुयायी उसे जोधपुर स्थित आश्रम लेकर गए। उन्होंने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने उनकी बेटी को अपनी कुटिया में बुलाया और उसके साथ रेप किया। 20 अगस्त 2013 को पीड़िता के माता-पिता ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी। बाद में मामला जोधपुर पुलिस को सौंप दिया गया था। जोधपुर पुलिस ने इस मामले को लेकर 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया था। आसाराम को उसके इंदौर स्थित आश्रम से जोधपुर ले जाया गया।

आसाराम बापू
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गुजरात में बाप-बेटे पर रेप केस दर्ज

गुजरात मे 6 अक्टूबर 2013 को सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर रेप केस दर्ज करवाया था। इस मामले में उन्होंने आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया था। बड़ी बहन ने आसाराम पर और छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि जब वह 1997 और 2006 के बीच अहमदाबाद में मोटेरा आश्रम में रहती थीं। आसाराम ने उनके साथ बलात्कार किया। अवैध तरीके से कैद रखा था। इस मामले में सात अन्य भी आरोप थे।

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नारायण साईं को मिली आजीवन कारावास की सजा

पीड़िता के छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि नारायण साईं ने 2002 से 2005 के बीच उसके साथ बार-बार रेप किया था। नारायण साईं के खिलाफ सूरत में तो आसाराम के खिलाफ अहमदाबाद में केस दर्ज किया था। गुजरात की एक अदालत ने नारायण साईं को अप्रैल 2019 में पीड़िता की छोटी बहन से रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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आसाराम को भी उम्रकैद

नवंबर 2013 में जोधपुर पुलिस ने आसाराम और चार अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और जुलाई 2014 में गुजरात पुलिस ने आसाराम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अप्रैल 2018 में जोधपुर की अदालत ने राजस्थान वाले मामले में आसाराम को किशोरी से दुष्कर्म का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

30 जनवरी 2023 गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को सूरत की शिष्या से बलात्कार का दोषी ठहराया है। आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों- ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा- को बरी कर दिया गया। एक आरोपी का मुकदमा लंबित रहने के दौरान मौत हो गई थी। गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने मंगलवार 31 जनवरी को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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