नई दिल्ली: Google ने GNI स्टार्टअप लैब के दूसरे संस्करण की गत सोमवार को घोषणा की. इस दूसरे संस्करण की लिस्ट में 10 मीडिया संगठनों के नाम शामिल हैं, जिनमें द मूकनायक का नाम भी शामिल है.
GNI Startups Lab देश भर में स्थानीय समुदायों, विशिष्ट दर्शकों और पहले से वंचित समुदायों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रिपोर्टिंग का समर्थन करता है. चयनित पूरे भारत से 110 से अधिक आवेदकों में से चुने गए है. Google के अनुसार, यह 10 समाचार स्टार्टअप खोजी, राजनीतिक, चिकित्सा, युवा, जलवायु,जाति और स्थानीय समाचारों सहित पत्रकारिता की विभिन्न श्रेणियों को कवर करते हैं, जो कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों की आवाज बनते हैं.
यह कार्यक्रम 12-सप्ताह होगा जिसका उद्देश्य अगली पीढ़ी, स्वतंत्र, प्रारंभिक चरण के भारतीय समाचार स्टार्टअप को वित्तीय और परिचालन स्थिरता हासिल करने में मदद करना है. इस कार्यक्रम को Anymind Group (एनीमाइंड ग्रुप) और और T-Hub (टी-हब) के साथ साझेदारी में बनाया गया है.
द मूकनायक की शुरूआत जनवरी 2021 में हुई, इसके बाद मूकनायक तेजी से एक अग्रणी मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है, जिसने बहुजन मीडिया परिदृश्य में समकालीनों को पीछे छोड़ दिया है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में काम करने वाले इस मंच ने भारत और विदेशों में व्यापक पाठक वर्ग जुटा लिया है।
सीमित संसाधनों के बावजूद, मूकनायक पारंपरिक मीडिया द्वारा नजरअंदाज किए गए समुदायों तक सफलतापूर्वक पहुंच गया है। इसका मिशन जमीनी स्तर पर पहुंच पर जोर देते हुए ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहने वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से एससी, एसटी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक मंच प्रदान करना है।
भारतीय मीडिया में आदिवासी, दलित और ओबीसी के प्रतिनिधित्व की स्थिति को लेकर गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम व न्यूजलॉन्ड्री मीडिया संस्थान के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है कि डिजिटल मीडिया में वंचित तबके से आने पत्रकारों व लेखकों को सबसे ज्यादा मौके 'द मूकनायक' मीडिया संस्थान ने दिए हैं।
गौरतलब है कि द मूकनायक को कई बार अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जगह मिली है। न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, डॉयचे वेले व वॉयस ऑफ अमेरिका कुछ ऐसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया घराने हैं, जिन्होंने द मूकनायक के काम और इसके संस्थापक मीना कोटवाल के संघर्षों को शोकेस किया है।
वॉइस ऑफ अमेरिका की वीडियो रिपोर्ट में द मूकनायक की पत्रकारिता में सामाजिक न्याय, बन्धुता, समानता, समता के साथ ही अपनी बात कहने में झिझक रख रहे पिछड़े, वंचित शोषित समाज तक माइक पहुँचाने के लिए किस तरह से संघर्षरत है यह दिखाया गया है।
रिपोर्ट में द मूकनायक की कार्यप्रणाली, ख़बरों की चयन प्रक्रिया के साथ ग्राउंड रिपोर्ट पर पहुँची मूकनायक टीम के रिपोर्टिंग के तरीके को दिखाया गया है। वॉइस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में कहाँ गया कि 'द मूकनायक' भारत में दलित समुदायों के समस्या और मुद्दों को प्राथमिकता से उठा रहा है। जिसके लिए द मूकनायक की वेबसाइट पिछले दो सालों से इस तरह की खबरों के प्रकाशन का काम कर रही है।
द मूकनायक के असाधारण कार्य को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2022 में इसे ह्यूमन राइटस् रिलिजियस बेस्ट मीडिया आरगनाइजेशन पुरस्कार और उत्तरी अमेरिका के अंबेडकर एसोसिएशन से पत्रकारिता में मूकनायक एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड मिला है।
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