नई दिल्ली। झारखंड की युवा कवयित्री, लेखिका, स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा को प्रतिष्ठित ओमेगा रिजिलिएंस फेलोशिप 2024 के लिए चुना गया है. इस प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय फेलोशिप के लिए हर साल भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका से ऐसे रचनात्मक और दूरदर्शी युवाओं को चुना जाता है जो अपने नए सोच से दुनिया भर में लोगों का नजरिया बदल रहे हैं.
वे अपने समुदायों को भी भविष्य के बड़े संकटों से लड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं. यह अमेरिका की एक गैरसरकारी संस्था कॉमनवील की परियोजना है जो समाज को हीलिंग, रिजिलिएंस और न्याय की ओर ले जाने के लिए समर्पित है. भारत से स्टार्टअप इंडिया ने जसिंता केरकेट्टा का चयन किया है. फेलो के रूप में जसिंता केरकेट्टा को 10,000 डॉलर (लगभग आठ लाख बत्तीस हजार) की राशि दी जाएगी.
जसिंता केरकेट्टा कहती हैं कि आदिवासियों को स्वशासन के लिए खुद ही अपने समाज के भीतर सशक्त होने की जरूरत है. इसलिए वे इस फेलोशिप के माध्यम से झारखंड में आदिवासियों के स्वशासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नए नजरिए से सशक्त करने में जुटे लोगों के साथ जुड़कर काम करेंगी. वे आदिवासी युवाओं के बीच बौद्धिक चेतना जगाने, उन्हें सशक्त और संगठित करने का काम करना चाहती हैं.
जसिंता केरकेट्टा के चार कविता संग्रह प्रकाशित हैं. एक डायरी और एक कविता संग्रह बच्चों के लिए भी प्रकाशित है. उन्होंने अपनी कविताओं से आदिवासियों के प्रति भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा है. उनका नजरिया बदला है. उन्हें 2014 में एआईपीपी, थाइलैंड ने वॉयस ऑफ एशिया अवार्ड से सम्मानित किया है.
2022 में फोर्ब्स इंडिया ने भारत की 22 सेल्फ मेड महिलाओं में जसिंता केरकेट्टा को रखा है. वे लेखन कार्य के साथ साथ देश, दुनिया में घूम घूम कर आदिवासी जीवन दर्शन और साहित्य पर लोगों से संवाद करने, विश्वविद्यालयों में पढ़ाने और गांवों में आदिवासी लड़कियों की शिक्षा को लेकर सामाजिक काम कर रही हैं.
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