पहली घटना कोटा शहर की है जहां भीम आर्मी जिला अध्यक्ष अनिल बोरडिया को चार पुलिसकर्मी घर से उठा कर थाने ले जाते हैं और रात को कड़े से लटकाकर बेरहमी से पिटते हैं।
क्या है पहला मामला
द मूकनायक संवाददाता से कोटा शहर भीम आर्मी जिलाध्यक्ष अनिल बोरडिया नें बताया कि, 23 दिसंबर शाम के समय मैं और मेरे दो दोस्त, दोस्त के यहां बैठे हुए थे तभी पुलिस गाड़ी में से 4 पुलिसकर्मी जो बिना वर्दी पहने हुए थे बिना कुछ बताए बिना किसी वारंट के हम तीन लोगों को जबरदस्ती गाड़ी में ले जाकर लॉक अप में बंद कर देते हैं। रात 12 बजे के बाद कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह और वीरेंद्र सिंह मुझे लॉकअप से निकालकर थाने के पीछे बने पुलिस क्वार्टर में ले जाते हैं, जहां मुझे कड़े पर रस्से के सहारे उल्टा लटका कर पीटते हैं, और किसी को वीडियो कॉल करके लाइव बताते हैं। मुझे जाति आधारित गालियां देते हुए वह पीटते है और मुझे बोलते है कि 'तू चमार है और तेरी औकात हमारी जूती के बराबर है' उससे ऊपर उठने की कोशिश मत कर और आजकल बहुत ज्ञापन दे रहा है, नीला झंडा फहरा रहा है, संविधान दिवस मना रहा है, अब हम देखते है कैसे तू ज्ञापन देता है और रैलियां करता है, यह कहते हुए फिर मुझे मारते हैं।"
वह आगे बताते हैं कि, "मुझे उन्होंने इतना मारा कि मेरे मुह से खून निकलने लगा है। अपने साथ इस पूरे घटनाक्रम में मैंने उनके अंदर मनुवादी मानसिकता को देखी है।"
दूसरा मामला शाहिनबाग की
दूसरी घटना दिल्ली शाहिनबाग की है जहां भीम आर्मी से जुडे़ मोहम्मद समीर नाम केे युवक के साथ भीम आर्मी का पोस्टर लगाने को लेकर गाली गलौज की जाती है और उस पर जानलेवा हमला किया जाता है।
यह घटना दिल्ली के शाहीनबाग की है। जहां पीड़ित समीर द मूकनायक से बताते हैं कि, "मैं और मेरे कुछ दोस्त शाहीनबाग में जर्मन लेन की तरफ भीम आर्मी के पोस्टर और होर्डिंग लगा रहे थे, तो तहसीम साहिल और उसके आठ दस दोस्त मिलकर हमारे साथ मारपीट करने लगते हैं और कहते हैं कि ये चमारों के फोटो हमारे यहां क्यों लगा रहे हो इन चमारों से हमारा क्या वास्ता है।"
वह आगे बताते हैं कि, "वे लोग मेरी पार्टी को गालियां देते हुए कहे कि यहां ये चमारों के फोटो मत लगा, जब मैंने बोला कि गली तुम्हारी है! तो मुझे जातिसूचक गालियां देने लगते हैं और बाद में जब विवाद बढ़ जाता है तो हथियार निकाल कर मुझे मारने कि धमकी देने लगते हैं।"
"हथियार में उनके पास पिस्टल रिवॉल्वर थे और दूसरी तरफ एक तमंचा लेकर मुझे मारने दौड़ता है। फिर हमनें 100 नंबर कॉल किया और थाने चले गए और रिपोर्ट लिखवा दी। जिसमें पुलिस ने आर्म्स एक्ट की धारा को छोड़कर दूसरी धाराओं में 323, 506, 188 और 34 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की।" – घटना को याद करते हुए समीर ने बताया।
पिछले कुछ समय से भीम आर्मी से जुड़े लोगों पर मारपीट के मामले बढ़े हैं। भीम आर्मी को लेकर मारपीट करने की घटना नई नहीं है, इससे पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं। पिछले दो महीनों में राजस्थान के पावटा और मध्य प्रदेश के अशोकनगर में भी भीम आर्मी से जुड़े लोगों पर जानलेवा हमले हुऐ हैं।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.